scorecardresearch
 

Coconut Farming: 80 वर्षों तक फल देता है नारियल, ये है खेती का आसान तरीका, आप भी कमा सकते हैं लाभ

How profitable is coconut farming: नारियल की खेती में कीटनाशक और महंगी खाद की जरूरत नहीं होती. हालांकि, एरियोफाइड और सफेद कीड़े नारियल के पौधों को नुकसान पहुंचाते हैं. इसलिए किसानों को इसका ध्यान भी रखना होता है.

Advertisement
X
Coconut Farming
Coconut Farming

नारियल की खेती से कम मेहनत और कम लागत में सालों साल कमाई की जा सकती है. नारियल के पेड़ 80 वर्षों तक हरे-भरे रहते हैं. यानी एक बार लगा दिया तो 80 वर्षों तक कमाई होती रहेगी. दरअसल, नारियल का इस्तेमाल धार्मिक कार्यों से लेकर बीमारियों तक में होता है. दिलचस्प बात ये है कि नारियल उत्पादन में भारत दुनिया में नंबर एक पर है. यहां पर 21 राज्यों में नारियल की खेती की जाती है. अगर आप भी इसकी खेती कर लाभ कमाना चाहते हैं तो हम बता रहे हैं इसकी खेती के तरीके के बारे में...

Advertisement

नारियल का बाग इस तरह लगाएं ताकि बाग में पूरे साल फल रहे. इसके लिए आपको अलग-अलग मौसम में फलने वाले पौधों का चयन करना होगा. ध्यान देने वाली बात ये है कि नारियल की कई ऐसी प्रजातियां भी हैं जिसके पेड़ पर पूरे साल फल लगे रहते हैं. इन पेड़ों पर नीचे के फल पकते रहते हैं और पेड़ के अंदर से छोटे-छोटे नए फल निकलते रहते हैं. यही कारण है कि नारियल तोड़ने और बेचने का सिलसिला भी पूरे साल चलता रहता है. 

सबसे अच्छी बात ये है कि नारियल की खेती में कीटनाशक और महंगे खाद की जरूरत नहीं होती. हालांकि, एरियोफाइड और सफेद कीड़े नारियल के पौधों को नुकसान पहुंचाते हैं. इसलिए किसानों को इसका ध्यान भी रखना होता है. पानी की पूर्ति भी बारिश के पानी से पूरी हो जाती है. साथ ही खेत के किनारे पर नारियल के पेड़ लगाकर खेत के अंदर दूसरे फसल भी उगाए जा सकते हैं. 

Advertisement

कैसी मिट्टी में कर सकते हैं खेती
नारियल के फलों को पकने के लिए सामान्य तापमान और गर्म मौसम की जरूरत होती है. नारियल की खेती के लिए बलुई दोमट मिट्टी को सबसे उपयुक्त माना जाता है. काली और पथरीली जमीन में इसकी खेती नहीं की जा सकती. 

कितने प्रकार के नारियल
देश में नारियल की वैसे तो कई प्रकार की किस्में मौजूद हैं लेकिन मुख्य रूप से तीन प्रकार की ही प्रजातियां पाई जाती हैं. इनमें लंबी, बौनी और संकर प्रजाति शामिल है. लम्बी प्रजाति के नारियल आकार में सबसे बड़े होते हैं और इनकी उम्र भी सबसे ज्यादा होती है. यही नहीं, इन्हें गैर-परम्परागत क्षेत्रों में आसानी से उगाया जा सकता है. 

वहीं बौनी प्रजाति के नारियल की उम्र लंबे नारियल के मुकाबले छोटी और आकार भी छोटा होता है. बौने नारियल के लिए ज्यादा पानी की जरूरत होती है. साथ ही इसकी देखभाल की ज्यादा जरूरत होती है. संकर प्रजाति के नारियल को लंबी और बौनी प्रजाति के संकरण से तैयार किया गया है. माना जाता है कि इस प्रजाति के नारियल की देखभाल की जाए तो ये ज्यादा संख्या में पैदावार हो सकती है.

कैसे करें नारियल की खेती?
आमतौर पर 9 से 12 महीने पुराने पौधे रोपने के लिए उपयोग में लाए जाते हैं. ऐसे किसानों को ऐसी पौध चुननी चाहिए जिनमें 6-8 पत्तियां हों. नारियल के पौधों को हम 15 से 20 फीट की दूरी पर लगा सकते हैं. ये ध्यान रखें कि नारियल की जड़ के पास पानी का जमाव न हो. जून से सितंबर के बीच नारियल के पौधे लगाए जा सकते हैं. नारियल के पौधे लगाते वक्त इस बात का ख्याल रखें कि पेड़ की जड़ में पानी का जमाव न हो. बरसात के मौसम के बाद नारियल के पौधे लगाना लाभकारी होता है. नारियल के पौधे लगाने से पहले उनकी जगह को चिन्हित करें और वहां गड्ढ़ा बनाकर उसमें गोबर की खाद या कंपोस्ट डालकर छोड़ दें. 

Advertisement

कुछ दिनों बाद वहां पर नारियल का पौधा लगा दें. नारियल के पौधों की जड़ में शुरुआत में हल्की नमी की जरूरत होती है. गर्मी में तीन दिन पर और सर्दी में सप्ताह में 1 दिन सिंचाई की जरूरत होती है. शुरुआती 3 से 4 साल तक नारियल के पौधों की देखभाल की जरूरत होती है. नारियल का पौधा 4 साल में फल देने लगता है. ऐसे में आप कम लागत में नारियल की खेती कर लंबे समय तक लाभ कमा सकते हैं.

 

Advertisement
Advertisement