भारत में फूल-पत्तियों की खेती बड़े पैमाने पर होती है. कुछ फूलों की खेती किसानों को बढ़िया मुनाफा दे जाती हैं. गुलाब से लेकर गेंदे के फूलों की खेती यहां के ग्रामीण क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर की जाती है. ऐसे में किसान विकल्प के तौर पर वैजयंती के फूलों की भी खेती कर सकते हैं. इस फूल का उपयोग सजावट की वस्तुओं या रंग बनाने के लिए किया जा सकता है. वहीं बीजों का इस्तेमाल माला बनाने में भी होता है.
इस फूल के पौधे की संरचना बिल्कुल हल्दी की तरह होती है. पौधे की पत्तियां चौड़ी होती हैं. इसके तने में लकड़ियों की मौजूदगी नहीं होती है. ये पौधा हल्दी और कचूर की जाति का माना जाता है. इस पौधे को कहीं भी लगाया जा सकता है. हालांकि, गहरी, बलुई मिट्टी, दोमट मिट्टी तथा उचित तरह की सिंचित मिट्टी में वैजयंती का पौधा तेजी से विकास करता है.
कैसे करें वैजयंती के फूलों की बुवाई
वैजयंती के बीज की बुवाई से पहले नाइट्रोजन उर्वरकों के साथ मिट्टी तैयार करें. उर्वरक का प्रयोग करने के तुरंत बाद मिट्टी को पानी दें. सभी सड़ी और मृत जड़ों को हटाकर पुरानी मिट्टी को पौधे की जड़ से हटा दें. फिर बीज की बुवाई कर दें.
वैजयंती पौधे को पनपने और अपनी पूरी क्षमता तक खिलने के लिए सूरज की रोशनी की जरूरत है. इन पौधों को फलने-फूलने के लिए अच्छी जल निकासी वाली, उपजाऊ समृद्ध जैविक मिट्टी की आवश्यकता होती है. पौधों को साप्ताहिक रूप से पानी दें और सुनिश्चित करें कि पानी पत्तियों से दूर रहे.
वैजयंती पौधा पीलीभीत टाइगर रिजर्व के महोफ रेंज के जंगल के अलावा मुस्तफाबाद में कई स्थानों पर पाया जाता है. हालांकि, इसकी खेती अन्य किसान भी करके बढ़िया मुनाफा कमा सकते हैं. इसके फूलों का उपयोग सजावट की वस्तुओं या रंग बनाने के लिए किया जा सकता है. वहीं बीजों का इस्तेमाल माला बनाने में होता है.
श्रीकृष्ण मुख्य वस्तुओं में वैजयंती माला
बता दें कि भगवान श्रीकृष्ण की 6 मुख्य वस्तुओं में वैजयंती माला भी शामिल है. ये वस्तुएं हैं माखन, मिश्री, बांसूरी, मोरपंख और गाय. वैजयंती का अर्थ है विजय दिलाने वाली माला. शास्त्रों में इस फूल का कई तरह से बखान किया गया है. वैजयंती के माला से श्री कृष्ण के मंत्रों का जाप करने की भी परंपरा है. गले में इस माला का धारण करना शास्त्रों के हिसाब से बेहद शुभ माना जाता है. वैजयंती की माला का मुख्य रूप से प्रयोग पूजा-पाठ, हवन, यज्ञ, तंत्र और सात्विक साधनों में किया जाता है.