Milky Mushroom cultivation: अगर आपको कहा जाए कि खेती के लिए ज्यादा भूमि की जरूरत नहीं है. आप बंद कमरे में भी खेती कर लाखों का मुनाफा हासिल कर सकते हैं तो आप हैरान हो जाएंगे. लेकिन ऐसा करना संभव है. भारत में कई राज्यों में मशरूम की खेती कर किसान बढ़िया लाभ कमा रहे हैं.
बता दें कि मशरूम की खेती बंद और अंधेरे कमरे में की जाती है. यहां बटन मशरूम, ढींगरी (ऑयस्टर) मशरूम, दूधिया मशरूम, पैडीस्ट्रा मशरूम और शिटाके मशरूम की किस्में उगाई जा रही हैं. ऐसे में किसानों के लिए ये बहुत ही महत्वपूर्ण हो जाता है कि वह कौन से मशरूम की खेती करें.
दूधिया मशरूम की खेती में बंपर मुनाफा
दूधिया यानी मिल्की मशरूम की खेती कर किसान कम समय में बंपर मुनाफा कमा सकते हैं. इसकी सबसे खास बात है कि इसे किसी भी मौसम में उगाया जा सकता है. इसमें मौजूद विटामिन, प्रोटीन और खनिज स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद होते हैं. अन्य प्रजातियों के मशरूम के तुलना में इसका भंडारण अधिक समय के लिए किया जा सकता है.
खेती के लिए उपयुक्त जलवायु
दूधिया मशरूम को अन्य मशरूमों के मुकाबले ज्यादा ठंड वाला वातावरण नहीं चाहिए होता है. इसकी खेती के लिए अधिक तापमान की जरूरत होती है. इसे 25-35 डिग्री तापमान में उगाया जा सकता है. हालांकि जिस कमरे में इसकी खेती हो वहां, तकरीबन 80 से 90 प्रतिशत तक नमी होनी चाहिए.जब दूधिया मशरूम के ऊपर बनी टोपी 5 से 6 CM मोटी दिखाई देने लगे तो उसे परिपक्व समझ ले और उसे घुमाकर तोड़ ले.
दूधिया मशरूम के उत्पादन में 10 से 15 रुपए प्रति किलोग्राम की लागत आती है. मशरूम का बाज़ारी भाव 150 से 250 रुपए प्रति किलो होता है. इस हिसाब से किसान कम जगह, कम वक्त, कम पैसे में लाखों का मुनाफा कमा सकता है.