पारंपरिक फसलों की खेती में लगातार हो रहे नुकसान को देखते हुए किसान अब नई और मुनाफे वाली फसलों की तरफ तेजी से रूख कर रहे हैं. किसानों के बीच औषधीय फसलों की खेती को लेकर भी दिलचस्पी बढ़ी है. देश में बड़ी संख्या में किसान गुलखैरा की खेती से मुनाफा कमा रहे हैं. बता दें कि गुलखैरा के पौधे के फूल, पत्ती, तना और बीज सब कुछ बाजार में अच्छी कीमतों पर बिकते हैं.
अपने चटक रंग के चलते प्रसिद्ध है ये फूल
गुलखैरा का फूल दिखने में बेहद सुंदर होता है. इसके पौधे तने पर खिलते हैं और साथ ही एक पौधे पर लगभग एक दर्जन तक फूल प्राप्त होते हैं. इसके फूल चटक रंग और आकर्षक होने के कारण बेहद प्रसिद्ध हैं.
दवाओं में इस्तेमाल होते हैं इसके फूल-पत्ती और तने
गुलखैरा के फूल-पत्तियों और तने का इस्तेमाल मर्दाना ताकत प्रदान करने वाली दवाओं में किया जाता है. इसके अलावा बुखार, खांसी तथा अनेक रोगों के खिलाफ इस फूल से बनी औषधियों काफी फायदेमंद साबित होती है. इसके फूल बाजार में दस हजार रुपये कुंतल तक में बिक जाते हैं. एक एकड़ 15 कुतंल तक गुलखैरा के फूल निकलते हैं. इससे आप आराम से डेढ़ लाख रुपये तक का मुनाफा हासिल कर सकते हैं. वहीं, इसके बीज, पत्ते और तने को बेचकर भी आपको अतिरिक्त मुनाफा मिल जाता है.
उत्तर प्रदेश में ठीक पैमाने पर होती है इसकी खेती
गुलखैरा के फूल, पत्तियों और तने का इस्तेमाल यूनानी दवाओं को भी बनाने में किया जाता है. पाकिस्तान और अफगानिस्तान जैसे देशों में इस पौधे की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है. धीरे-धीरे भारत में भी इसकी खेती शुरू हो गई है. उत्तर प्रदेश के कन्नौज और हरदोई इलाके में इस औषधीय पौधे की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है.