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Farming Tips: खेत का एक-एक इंच इस्तेमाल कर गरीब किसान भी बन जाएंगे अमीर, ऐसे करें इंटीग्रेटेड फार्मिंग

Integrated Farming Tips: किसानों की आय दोगुनी करने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए खेती-किसानी में नई-नई तकनीकें इस्तेमाल करने के लिए सरकार प्रोत्साहित करती रहती है. इंटीग्रेटेड फॉर्मिंग भी ऐसी ही एक तकनीक है. इस तकनीक में किसान खेती के लिए एक ही खेत उपयोग कर अपना मुनाफा कई गुना बढ़ा सकते हैं.

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integrated Farming Tips
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स्टोरी हाइलाइट्स
  • कई गुना ज्यादा बढ़ जाएगा किसानों का मुनाफा
  • खेती-किसानी की लागत में भी आएगी कमी

Integrated Farming: अगर किसान एक ही जगह पर खेती करने के साथ-साथ बागवानी, पशुपालन, कुक्कुट पालन, मत्स्य पालन करना शुरू कर दें तो मुनाफा कई गुना बढ़ सकता है. एक ही खेत में प्रयोग एक साथ कोई हवा हवाई बात नहीं है बल्कि इसमें सच्चाई है. आइए जानते हैं कैसे....

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किसानों की आय दोगुनी करने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए खेती-किसानी में नई-नई तकनीकें इस्तेमाल की जाने लगी हैं. इंटीग्रेटेड फॉर्मिंग भी ऐसी ही एक तकनीक है. इस तकनीक की खेती करके किसान कई गुना मुनाफा बढ़ा सकता है.

खेती में किसानों की लागत हो जाएगी कम

किसान इस तकनीक में मुख्य फसल के साथ-साथ उसी खेत में या उसके आस-पास मुर्गी पालन, मत्स्य पालन, मधुमक्खी पालन, रेशम, सब्जी-फल, मशरूम की खेती एक ही जमीन करता है. ऐसा करने से किसानों की एक फसल पर निर्भरता कम हो जाती है. इसके अलावा पशुओं के चारे और फसल के खाद के लिए किसानों को अलग से राशि नहीं खर्च करनी पड़ती है. पशुओं के लिए चारा खेत में ही पैदा हो जाता है. पशुओं का अपशिष्ट खाद बनाने के काम आ जाता है. अगर आप मछली पालन कर रहे हैं तो इसके आहार खेत और डेयरी से मिल जाते हैं.

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कैसे करें इंटीग्रेटेड फार्मिंग?

इंटीग्रेटेड फार्मिंग पर लगातार काम कर रहे कृषि वैज्ञानिक डा. दयाशंकर श्रीवास्तव का कहना है कि लगातार बढ़ती जनसंख्या और कम होती प्राकृतिक संसाधनों के कारण किसानों को खेती और उसके तरीके में इस्तेमाल करने की जरूरत है. अगर आपके पास खेती के लिए जमीन कम है, तो भी परेशान होने की जरूरत नहीं है. अपने पास मौजूद सीमित खेती की जमीन का एक-एक इंच प्रयोग कर भी आप बढ़िया मुनाफा हासिल कर सकते हैं.

पहले तैयार करें मॉडल

सबसे पहले किसानों को ये सुनिश्चित करना होगा कि उनके पास इस फार्मिंग के लिए एक मॉडल हो. उन्हें पता हो कि खेत के किस किनारे फसल लगानी है तो किस किनारे सब्जियां. किस फसल के साथ कौन सी सब्जियां विकास करेंगी. इसके अलावा मछली पालन के लिए खेत के किस हिस्से तालाब बनाना है या फिर मुर्गी पालन के लिए जगह का चुनाव कैसे करना है. ये सब जानने के लिए किसान कृषि वैज्ञानिकों से भी संपर्क कर सकता हैं.

कमा सकेंगे बंपर मुनाफा

दयाशंकर श्रीवास्तवा कहते हैं कि अगर आप धान की फसल लगा रहे हैं तो आप उसके किनारे-किनारे फूलों की खेती कर सकते हैं, इसके अलावा पशुओं के चारे के लिए इस्तेमाल होने वाली घास की फसल भी लगा सकते हैं. इसके अलावा खेतों के किनारे एक गड्ढ़ा खोदकर आप उसमें मछली पालन कर सकते हैं. खेतों के आसपास ही आप सब्जियां लगा सकते हैं. इससे आपकी मुख्य फसल की लागत तो निकल आएगी, इसके अलावा मुर्गी पालन और मछली पालन समेत सब्जियों की खेती से आप बंपर मुनाफा कमा सकेंगे.

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