राजस्थान के कई हिस्सों में पहले तो मॉनसून की बेरुखी से खेतों को भारी नुकसान हुआ और अब पिछले दो दिनों से सक्रिय मॉनसून के कारण फसलें बर्बाद हुई हैं. भारी बरसात के कारण उड़द और मूंग की फसल की कटाई के साथ मक्का की तैयार फसल में 20 से 25% ख़राबी रिपोर्ट की गई है. फसलों की कटाई के समय बारिश से हुए नुकसान ने किसानों की कमर तोड़ कर रख दी है.
कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक इंदर सिंह संचेती ने बताया कि भीलवाड़ा जिले में 4 लाख 13 हज़ार हेक्टेयर में खरीफ की फसल की बुवाई की गई थी. अब उसमें 20 से 25% नुकसान की रिपोर्ट फ़ील्ड स्टाफ ने दी है. बता दें कि भीलवाड़ा जिले में लंबे समय के इंतजार के बाद शुक्रवार रात से मॉनसून सक्रिय हुआ तो जिले के कई हिस्सों में दो दिन बारिश का दौर जारी रहा. इस बारिश से खेतों में खड़ी मक्का ,उड़द और मूंग की फसलों में बड़ा नुकसान हुआ है.
भीलवाड़ा जिला मुख्यालय पर स्थापित मॉनसून कंट्रोल रूम के आंकड़ों के अनुसार, अभी तक मॉनसून की 70.2% बारिश हो चुकी है. जिले में औसत बारिश 616 मिलीमीटर होती है, अभी तक जिले में 432 मिलीमीटर बारिश हुई है. कोटडी उपखंड क्षेत्र किसान भैरुलाल जाट ने बताया कि काश्तकार को नुकसान हुआ है. फसलें इस हद तक बर्बाद हो गई हैं कि ट्रैक्टर की जुताई और खाद-बीज का खर्च भी निकलना मुश्किल है. ऐसे में खर्चापूर्ति के लिए सरकार से मुआवजे की उम्मीद है.
एक अन्य किसान दिनेश ने बताया कि मॉनसून की शुरुआत में बहुत कम बरसात होने के कारण मक्का की फसल सूख गई थी. सिंचाई के सहारे फसलों को बचाया गया. अब तेज हवा और बरसात के कारण परी हुई तैयार फसलें बर्बाद हो गई हैं. वहीं, जंगली सूअर भी फसलों को तबाह कर रहे हैं. ऐसे में आर्थिक मदद के लिए किसानों की सरकार से मुआवजे की गुहार है.