उत्तर भारत में ठंड और कोहरे का सितम जारी है और तापमान में भी गिरावट देखी जा रही है. देश की इसी हिस्से में बड़े पैमाने पर आलू की खेती होती है. इतने ठंड में थोड़ी सी भी लापरवाही बरतने पर आलू की फसल को पाला मार सकता है. हालांकि किसान थोड़ी सी सूझबूझ अपनाकर अपनी मेहनत बर्बाद होने से बचा सकते हैं.
नियमित अंतराल पर करें सिंचाई
कई फसल ज्यादा ठंड नहीं सहन कर पाती हैं और खराब होने लगती हैं. सबसे ज्यादा नुकसान आलू की फसल को होता है. ठंड लगने की वजह से आलू को झुलसा रोग लग जाता है, जिससे पूरी की पूरी फसल चौपट हो जाती है. हालांकि, नियमित अंतराल पर सिंचाई करते रहने से आलू की फसल पाले से बच सकती है.
फसल को प्लास्टिक की चादर से ढकें
आलू को ठंड से बचाने के लिए फसल के ऊपर प्लास्टिक की चादर डाल सकते हैं. हालांकि, रात के वक्त ही फसल को चादर से ढकें क्योंकि उसी वक्त तापमान में ज्यादा गिरावट देखी जा सकती है. ऐसे में इस तरकीब को अपनाने से आलू की फसल को पाले से बचाया जा सकता है. वहीं, दिन में तापमान में इजाफा होता है, तब चादर को हटा दें. फसल को सूरज की रोशनी अवशोषित करने दें.
फसल पर लकड़ी के राख का कर सकते हैं छिड़काव
अगर तापमान ज्यादा गिर गया है तो लकड़ी की राख का भी फसल पर छिड़काव किया जा सकता है. ऐसा करने से आलू की फसल को थोड़ी गर्मी मिल जाती है और फसल को पाला लगने की संभावना कम हो जाती है. इसके अलावा सड़े हुए छाछ का उपयोग कीटनाशक के तौर पर कर सकते हैं. ये भी फसल को पाले से बचाने का काम करता है.