गुरुग्राम के ख़्वायतपुर की रहने वाली महिला किसान मनजीत अपने ससुर के साथ किसान मेले में पहुंची थी, मनजीत ने बताया कि वह अपने पिता इंद्राज के साथ मेले में आई है. पहले वह धान और गेहूं की खेती करते थे लेकिन 2023 में उन्होंने सब्जी की खेती करने की ट्रेनिंग ली. महिला किसान ने बताया कि ट्रेनिंग से पहले वह गेहूं, बाजरा और सरसों की खेती करते थे, फिर पिताजी की ट्रेनिंग के बाद मैंने, मेरे पति ने और पिताजी ने मिलकर सब्जी की खेती करना शुरू किया ताकि वह खुद भी शुद्ध सब्जी खा सके और दूसरों को भी शुद्ध सब्जी खिला सकें.
उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि कृषि विज्ञान केंद्र से ट्रेनिंग लेकर उन्हें काफी फायदा मिला है. सरकार सब्जियों की खेती पर बहुत सी सब्सिडी देती है, जिससे काफी लाभ मिल रहा है. महिला किसान ने बताया कि वो टमाटर, बैंगन, तरबूज, ब्रोकली और मटर की खेती करते हैं जिसमें काफी फायदा हुआ है.
6 एकड़ में वह सब्जियों की खेती कर रही है, जिसमें वह हर मौसम के अनुसार सब्जियों को उगाते हैं. फिर उनके पिता और उनके पति जाकर मंडियों में सब्जी को बेचते हैं. उनके खेतों से भी खरीददार सब्जियों को लेकर जाते हैं. ज्यादातर सब्जी उनके खेतों से ही लोग लेकर जाते हैं क्योंकि सबको पता है कि वह ऑर्गेनिक सब्जी उगते हैं.
1 एकड़ से लगभग ₹100000 की कमाई कर रही है महिला
इंद्राज किसान ने बताया कि इस समय उन्होंने अपने खेतों में तरबूज, मिर्च प्याज और ब्रोकली की खेती की हुई है. उन्होंने बताया कि सब्जी की खेती में बहुत ज्यादा लाभ है. गेहूं में ₹50000 एक एकड़ में बचता है तो सब्जी की खेती में ₹100000 की बचत है, उन्हें एक एकड़ से हो जाती है. 1980 से वह गेहूं धान की खेती कर रहे थे लेकिन 2023 में उन्होंने सब्जियों की खेती करने की ट्रेनिंग ली. इसके बाद उन्होंने फसल चक्र बदला और अब पूरा परिवार मिलकर खेती कर रहा है और मुनाफा कमा रहा है.