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ड्रोन से होगा खेतों में खाद और दवा का छिड़काव, ICAR ने किया सफल प्रदर्शन

Drone Farming: इस ड्रोन तकनीक से सैकड़ों एकड़ में लगे धान के खेत में किसान एक साथ दवा का छिड़काव कर सकते हैं जिससे दवा और समय दोनों की बचत होगी. पहले समय के अभाव में किसान दवा का छिड़काव नहीं कर पाते थे जिससे फसलों में कीड़ा लग जाता था और बर्बाद होता था, मगर अब ड्रोन से एक ही किसान खेतों में जाकर सभी के खेतों में छिड़काव कर सकता है. 

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Drone Farming in Jharkhand:
Drone Farming in Jharkhand:
स्टोरी हाइलाइट्स
  • एक दिन में 30 एकड़ तक खेतों में छिड़काव किया जा सकता है
  • इससे समय और मेहनत दोनो की बचत हो सकेगी

Drone Farming: झारखंड में अब रामगढ़ जिले के किसान अपने खेतों में ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल कर दवा एवं उर्वरा का छिड़काव कर सकते हैं. इसके लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा संचालित कृषि विज्ञान केंद्र रामगढ़ ने अपने परिसर में लगे खेतों में ड्रोन से कीटनाशक छिड़काव का सफल प्रदर्शन किया है. जिले के विभिन्न क्षेत्रों के किसान अब इस ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल कर कम समय में कीट व्याधि के नियंत्रण हेतु दवा का छिड़काव आसानी से कर सकते हैं. इस तकनीक से किसान सिर्फ 20 मिनट में 1 हेक्टेयर भूमि में छिड़काव कर सकते हैं. प्रदेश में चतरा के बाद रामगढ़ ऐसा दूसरा जिला है जहां किसानों को ड्रोन तकनीक के माध्यम से खेती करने की जानकारी दी गई. 

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तकनीक को बढ़ावा देने के क्रम में ड्रोन तकनीक का कृषि में उपयोग करने एवं किसानों को इसके प्रति जागरूक करने के लिये प्रेरित किया गया. यह प्रयोग चेन्नई के गरूडा एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड के द्वारा किया गया है. यह तकनीक युवाओं को खेती की तरफ आकर्षित करने में सहायक होगी. अब कम समय में आसानी से खेती में छिड़काव हो सकेगा जिससे खेती में लागत कम होगी. किसान सामूहिक रूप से ड्रोन का इस्तेमाल कर लागत में कमी एवं समय की बचत कर अपनी आमदनी भी बढ़ा सकेंगे. 

इस विषय पर बात करते हुए रामगढ़ के कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी कृषि वैज्ञानिक ने बताया कि वह कृषि विज्ञान केंद्र में ड्रोन तकनीक की जानकारी दे रहे हैं जो बहुत ही प्रभावी है. इससे प्रधानमंत्री का कृषि में तकनीक के समावेश से आय को दोगुनी करने का सपना पूरा किया जा सकेगा. ड्रोन तकनीक से समय की बचत होती है लागत में कमी आती है साथ ही एक दिन में 30 एकड़ तक एक ड्रोन से खेतों में कीटनाशक और उर्वरा का छिड़काव किया जा सकता है. बड़े क्षेत्र की खेती के लिए यह फायदेमंद है. 

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उन्‍होंने आगे कहा कि पहले किसी भी फसल में अचानक बीमारी आ जाने के कारण स्प्रे करना असंभव होता था लेकिन इस ड्रोन तकनीक से एक बार में काफी बड़े एरिया में छिड़काव किया जा सकेगा. इस विषय पर इजराइल से खेती की तकनीक सीख कर झारखंड लौटे किसान रचिया महतो ने बताया कि अब झारखंड में भी नए तकनीक का इस्तेमाल हो रहा है. इस ड्रोन तकनीक से सैकड़ों एकड़ में लगे धान के खेत में किसान एक साथ दवा का छिड़काव कर सकते हैं जिससे दवा और समय दोनों की बचत होगी. पहले समय के अभाव में किसान दवा का छिड़काव नहीं कर पाते थे जिससे फसलों में कीड़ा लग जाता था और बर्बाद होता था, मगर अब ड्रोन से एक ही किसान खेतों में जाकर सभी के खेतों में छिड़काव कर सकता है. 

जिले में अव्वल दर्जे की खेती कर कई पुरस्कार जीतने वाले एक किसान ने इस विषय पर बताया कि यह ड्रोन मशीन वह पहले फिल्मों में देखा करते थे पर अब खुद इससे दवा छिड़काव करते देख रहे हैं. उन्‍होंने केंद्र सरकार का धन्यवाद किया जिसने कम खर्च में किसानों की आय को दोगुना करने के बारे में सोचा.

(इनपुट: झूलन अग्रवाल)

 

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