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दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले का एक छोटा सा गांव वानीगुंड (Wanigund) पिछले कुछ वर्षों में दक्षिण कश्मीर में एक बड़े सब्जी उत्पादक के रूप में उभरा है. गांव में रहने वाले लगभग सभी 200 परिवार साल भर सब्जी की खेती में लगे रहते हैं. इन दिनों गांव में प्रतिदिन लगभग 30,000 किलो खीरे का उत्पादन हो रहा है. यह गांव न केवल जम्मू-कश्मीर को सब्जियों की आपूर्ति करता है, बल्कि यह भारत के कई अन्य राज्यों में भी अच्छी मात्रा में हरी सब्जियों का निर्यात करता है.
गांव के ही एक उच्च योग्यता प्राप्त युवा आकिब अहमद ने कहा कि पहले मैं सोचता था कि सरकारी नौकरी ही मेरे लिए सही है, लेकिन तब मुझे एहसास हुआ कि कृषि किसी भी अन्य क्षेत्र की तुलना में अधिक प्रभावी है. खेती को अक्सर लाभदायक कार्य के रूप में नहीं देखा जाता है. लेकिन, भगवान का शुक्र है कि हम इस खेती से अच्छी लाभदायक आय अर्जित करते हैं.
गांव में लगभग 400 कनाल भूमि में विभिन्न प्रकार की सब्जियों की खेती की जाती है जिनमें ककड़ी, फूलगोभी, शलगम आदि शामिल हैं. एक स्थानीय रियाज अहमद वानी ने कहा कि उनके निरंतर प्रयासों से पिछले कुछ वर्षों में उत्पादन में काफी वृद्धि हुई है, जिसके परिणामस्वरूप सब्जी की खेती से जुड़े लोगों की प्रति व्यक्ति आय में तेज सुधार हुआ है.
उन्होंने कहा कि वर्मिन कम्पोस्ट जैसी जैविक खाद से फसलों का उत्पादन बढ़ता है और उसी के अनुसार बाजार मूल्य बढ़ता है. मेरे परिवार का हर सदस्य इससे जुड़ा हुआ है. सब्जियों की खेती का एक और फायदा है क्योंकि सेब के बागों में भी सब्जियां उगाई जा सकती हैं.