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Saffron Farming: 'लाल सोने' की फसल से भारी मुनाफा कमाते हैं किसान, जानिए किस मौसम में करनी चाहिए केसर की खेती

Kesar Ki Kheti: बाजारों में केसर की मांग काफी ज्यादा रहती है. केसर के फूल से साबुन, फेस मास्क, तेल सहित अन्य सामान बनते है. केसर की ज्यादा डिमांड की वजह से किसानों को मुनाफा होता है. केसर की खेती के समय कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए. जानिए कैसे करनी चाहिए केसर की खेती.

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Kesar Farming
Kesar Farming
स्टोरी हाइलाइट्स
  • लाखों में होती है केसर की कीमत
  • कई राज्यों में होती है केसर की खेती

Saffron Cultivation: देश के कई हिस्सों में केसर की खेती (Kesar Ki Kheti) की शुरुआत हुई है. केसर (Saffron Cultivation) की खेती किसानों को बड़ा मुनाफा देती है. बाजारों में केसर की कीमत लाखों में होती है. इसलिए केसर को लाल सोना भी कहा जाता है. भारत में इसकी सबसे ज्यादा खेती कश्मीर में की जाती है. केसर की खेती सरल और आसान होती है. 

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केसर की खेती के लिए कैसी होनी चाहिए मिट्टी?
केसर की खेती का फसल चक्र 3 से 4 महीने का होता है, और यह 15-20 सेमी की ऊंचाई तक पहुंच सकता है. केसर की खेती के लिए अच्छी-खासी धूप की जरूरत होती है. ठंड और गीले मौसम में इसकी फसलों को नुकसान पहुंच सकता है. यही वजह है कि गर्म मौसम वाली जगहों को इसकी खेती सबसे बेहतर मानी जाती है. इसकी खेती के लिए अम्लीय से तटस्थ, बजरी, दोमट और रेतीली मिट्टी का उपयोग किया जाता है. केसर की खेती के लिए मिट्टी का पीएच स्तर 6 से 8 होना चाहिए

किस मौसम में करनी चाहिए केसर की खेती?
भारत में केसर मुख्य रूप से जून और जुलाई के महीनों में उगाया जाता है. हालांकि, कुछ इलाकों में अगस्त और सितंबर के बीच भी इसकी खेती की जाती है. अक्टूबर के महीने में इसकी फसल फलना शुरू होती है. केसर को गर्मियों के मौसम में भीषम गर्मी और सर्दियों के मौसम में अत्यधिक ठंड की जरूरत होती है. 

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भारत के इन राज्यों में होती है केसर की खेती
जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश, केसर के दो सबसे महत्वपूर्ण उत्पादक राज्य हैं. हालांकि, अब किसान केसर को उत्तर प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों में भी उगा रहे हैं.

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