खरीफ की फसलों की बुवाई की शुरुआत होने वाली है लेकिन किसान खाद की दुकानों से नदारद हैं. फिलहाल, खाद का कारोबार करने वाले व्यवसायियों का कारोबार ठप हो गया है. बेमौसम बरसात के चलते किसानों की फसल बर्बाद हो गई थी. जिसकी वजह से किसान खाद की दुकानों से फर्टिलाइजर, बीज और दवाई कम लेकर जा रहे हैं.
आर्थिक संकट के चलते अगली फसल लगाने से बच रहे हैं किसान
व्यापारी महासंघ के अध्यक्ष जगरनाथ काले ने बताया कि अभी तक कई ऐसे किसान हैं जिन्होंने अपनी कपास की फसल नहीं बेची है. बाजार में कपास के भाव बहुत कम हैं. कई ऐसे भी किसान हैं जिनके पास खरीफ की बुवाई के लिए पैसा नहीं है. इसके चलते वह खाद दुकानों पर फर्टिलाइजर और दवाइयां लेने नहीं आ रहे हैं.
फर्टिलाइजर, दवाई और बीज भी हुए महंगे
पिछले कुछ महीने से प्रदेश में किसानों की हालत चिंताजनक है. किसानों को कपास का भाव नहीं मिल रहा है. टमाटर और प्याज के रेट काफी गिर चुके हैं. फिलहाल, कई किसान अभी खेती करने से बच रहे हैं. इसके अलावा खेती में लगने वाले फर्टिलाइजर, दवाई और खेती के बीज भी महंगे हो गए हैं, जिसके चलते कुछ किसान खेती से किनारा कर रहे हैं.
किसानों के साथ खाद के दुकानदारों को भी झेलना पड़ रहा है नुकसान
जाधव मंडी में बीज और फर्टिलाइजर सप्लाई करने वाले दुकानदार अमूल तुकाराम मुंडे कहते हैं कि खेती में लगने वाली दवाइयां खरीदने के लिए किसान नहीं आ रहे हैं. किसानों के साथ उन्हें भी नुकसान हो रहा है. पिछले साल की तुलना में इस बार कारोबार में काफी नुकसान झेलना पड़ रहा है.
(संभाजीनगर से इशरार चिश्ती की रिपोर्ट)
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