scorecardresearch
 

Success Story: 12/24 के कमरे से शुरू की मशरूम की खेती, पहले ही साल कमाया डबल मुनाफा

हरियाणा के करनाल के चोरापूरा गांव के रहने वाले प्रगतिशील किसान मुनीश ने 4 साल पहले 12/24 के घर के एक कमरे से मशरूम की खेती की शुरुआत की. आज वो 2 केनाल में 3 शेड बनाकर तीन महीने की मशरूम की खेती से 4 लाख रुपये का मुनाफा कमा रहा है यानी तीन शेड की लागत 2 लाख और मुनाफा डबल. मुनीश अन्य किसानों को अच्छे मुनाफे के लिए अलग हटकर खेती करने की सलाह दे रहे हैं. मुनीश का कहना है कि पहले साल लागत से दोगुना मुनाफे की गारंटी है और इसके बाद तगड़ा मुनाफा होगा.

Advertisement
X
mushroom cultivation
mushroom cultivation

अलग अलग राज्यों के किसान मशरूम की खेती से अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. सरकारी सब्सिडी के सहयोग से कम जगह और कम समय के साथ ही कम लागत की खेती है और मुनाफा लागत से कई गुना ज्यादा मिल जाता है. अगर इंसान जुनूनी हो और कुछ करने की ठान ले तो फिर मंजिल को पाना कठिन नहीं होता है.

Advertisement

3 साल में मेहनत रंग लाई

करनाल के रहने वाले मुनीश ने 4 साल पहले बहुत ही छोटे स्तर से मशरूम की खेती की शुरुआत की और आज वो 2 केनाल में 3 शेड बनाकर मशरूम फार्मिंग से लाखों का मुनाफा ले रहे है. 4 साल पहले मित्र सुशील किसान की प्रेरणा और अन्य दो मशरूम फार्मिंग कर रहे किसानों से प्रशिक्षण लेने के बाद उन्होंने मशरूम की खेती की तरफ अपने कदम बढ़ाए. अपने घर में बने 12/24 के कमरे में उन्होंने मशरूम की खेती की शुरुआत की. 3 साल में मेहनत रंग लाई और आज 2 केनाल में 3 शेड बनाकर मशरूम फार्मिंग कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि 3 सालों में मशरूम की खेती में अच्छा मुनाफा होने के बाद उन्होंने अपनी जमीन पर 2 केनाल में 3 शेड बना कर इस खेती को बढ़ाया.

Advertisement

मुनीश ने बताया कि शुरू में 70/35 का एक शेड 1.50 से 2 लाख रुपये में तैयार हुआ. खेती के लिए उचित तापमान को बनाये रखने के लिए शेड को पहले पॉलीथिन से फिर पराली डाल कर कवर किया. दूसरे साल में शेड बनाने का खर्चा बच जाने से खेती में लागत कम हो जाती और मुनाफा अच्छा हो जाता है.

मशरूम को उगाने के लिए किन चीजों की जरूरत

मुनीश बताते हैं कि मशरूम को उगाने के लिए कम्पोस्ट की आवश्यकता होती है. कम्पोस्ट भूसा, गेहूं का चापड़, यूरिया एवं जिप्सम को एक साथ मिलाकर व सड़ाकर तैयार किया जाता है. इस मिश्रण को कई तरह की सूक्ष्मजीव रासायनिक क्रिया द्वारा कार्बनिक पदार्थों का विघटन कर कम्पोस्ट में परिवर्तित कर देते हैं. यह एक जैविक विधि है. फिर इसके बाद बिजाई की जाती है. मशरूम की मौसमी खेती करने के लिए अक्टूबर से मार्च तक का समय उपयुक्त माना जाता है. इस दौरान मशरूम की दो फसलें ली जा सकती हैं.

मशरूम का रेट 100 रुपये से लेकर 120 रुपये

मशरूम की खेती के लिए अनुकूल तापमान 15-22 डिग्री सेंटीग्रेट और सापेक्षित नमी 80-90 प्रतिशत होनी चाहिए. मुनीश बताते है इस खेती में ज्यादा पानी की आवश्यकता नहीं होती. समय समय पर स्प्रे से काम चल जाता है ताकि नमी बनी रहे. किसान मुनीश अपनी मशरूम की मार्केटिंग करनाल में ही करते हैं जहां पर उनको मशरूम का रेट 100 रुपये से लेकर 120 रुपये तक मिल जाता है. एक मशरूम का पैकेट 200 ग्राम के करीब का होता है जिसको वे मार्केट में सेल करते हैं.

Advertisement

अनुभव का अहम महत्व

मुनीश ने बताया कि इस खेती में समय और अनुभव का अहम महत्व है. पहली बार की गई खेती में किसान को बीमारी से जूझना पड़ सकता है और अनुभवी किसान को बीमारी का पहले से आभास हो जाता है जिसका वो समय रहते उसका इलाज कर देता है. बाईट मोल्ड, ग्रीन मोल्ड, और येलो मोल्ड बीमारी मशरूम को होने वाली बीमारियां हैं. इन बीमारियों के कारण मशरूम का रंग बदल जाता है, वह विकृत हो जाता है और उसकी पैदावार कम हो जाती है.

कम लागत और ज्यादा मुनाफा

इन बीमारियों से खेती को बचाने के लिए शेड में कम पानी और ऑक्सीजन को बनाये रखना काफी जरूरी हो जाता है ताकि इन बीमारियों से खेती को नुकसान से बचाया जा सके. मुनीश बताते हैं कि अगर किसान भाई अलग अलग किस्म की फसल उगाते हैं तो मुनाफा ज्यादा होने सम्भावना बढ़ जाती है क्योंकि इस किस्म की खेती से थोड़े समय में ही कम लागत और ज्यादा मुनाफा मिल जाता है.

दो प्रकार की मशरूम की खेती

मदन लाल जिला उद्यान अधिकारी ने बताया मशरूम की खेती दो प्रकार होती है. एक सीजन की मशरूम और दूसरी ऐसी वाले पक्के प्लांट की मशरूम जो सीजनल मशरूम होती है. वह बॉस वगैरा या हॉट लगाकर किसान उगा सकते हैं. इसके लिए सरकार की तरफ से अनुसूचित जाति के आवेदक हैं. इन्हें 25500 रुपए मशरूम पर और 25500 रुपये हट पर दिए जा रहे हैं और जो ऐसी वाली बड़ी प्रोडक्ट यूनिट है उसमें ₹800000 कंपोस्ट यूनिट पर और ₹6 लख रुपए उसकी बीज बनाने की यूनिट पर भी दिए जा रहे हैं. मशरूम की खेती से किसान की आए भी बढ़ रही है.

Advertisement

किसानों को मशरूम बेचने में किसी भी तरह की समस्या नहीं है. काफी लोग मशरूम की खेती सीजनल हट लगाकर कर रहे हैं क्योंकि सीजनल मशरूम सर्दी में काफी अच्छी हो जाती है. पक्की मशरूम की यूनिट की बात की जाए तो करनाल में लगभग 30 के करीब पक्की मशरूम की यूनिट लगी हुई हैं.

इनपुट:कमलदीप
Live TV

Advertisement
Advertisement