यूं तो बिहार का मुजफ्फरपुर शाही लीची की पैदावार के लिए जाना जाता है लेकिन यहां के किसान खेती में नए-नए प्रयोग भी करते रहते हैं. अब मुजफ्फरपुर के किसान ने कई आम का स्वाद एक साथ देने वाली आम की प्रजाति तैयार की है, जिसकी एक आम करीब एक किलो तक का है. किसान ने इस प्रजाति का नाम अपने पिता के नाम 'नागेंद्र भोग' पर रखा है.
एक आम में कई आमों का स्वाद
नागेंद्र भोग आम कम जगह में लगाया जा सकता है और ये दो से ढाई साल में ही फल देने लगा है. इसके एक आम का वजन 800 ग्राम से लेकर एक किलो तक है. मुजफ्फरपुर के किसान द्वारा तैयार नागेंद्र भोग आम आसपास के किसानों के बीच सुर्खियां बना हुआ है. नागेंद्र भोग आम मुजफ्फरपुर में धूम मचाने वाला है. ये एक ऐसा आम है जो एक साथ कई आम का स्वाद देता है. इसका स्वाद खट्टा और मीठा दोनों होता है. साथ ही इसका वजन एक किलो तक का होता है. इसकी लंबाई एक हाथ के पंजे के बराबर होती है. इसके एक आम को आप एक साथ पूरा नहीं खा सकते. मुजफ्फरपुर शहर के रहुआ के किसान भूषण सिंह ने इसे कई आमों के पेड़ को मिलकर तैयार किया है.
चार आम को क्रॉस कर हुआ तैयार
अपनी नर्सरी चलाने वाले भूषण सिंह ने बताया कि इस आम को उन्होंने चार आम को क्रॉस कर तैयार किया है, इसकी डिमांड देश के साथ ही विदेशों तक से आ रही है. भूषण सिंह ने बताया कि ये आम बाजार में 60 से 100 रुपये किलो बिकेगा. कई ऐसे ग्राहक और विदेश के किसान हैं, जो नागेंद्र भोग आम के लिए मुंह मांगी रकम तक देने के लिए तैयार है.
अल्फांसो पर भारी नागेंद्र भोग आम
नागेंद्र भोग अल्फांसो आम पर भारी पड़ रहा है. इसकी गुठली पतली होती है. यह पिछात नस्ल का आम है. जब बाजार में आम का सीजन खत्म होने लगेगा तब यह आम पककर बाजार में जाने को तैयार हो जाता है. इस आम के अंदर गूदा भरपूर होता है. यह एक किलो का होता है. खाने में काफी हल्का होता है, इसीलिए लोग इसे ज्यादा से ज्यादा पसंद कर रहे हैं. यह आम जूस के लिए परफेक्ट है, इसमें गूदा और स्वाद दोनों काफी हैं.
कीमत भी कम
भूषण सिंह ने बताया कि इस आम से किसानों को ज्यादा फायदा होगा, क्योंकि यह आम 60 से लेकर 100 रुपये में बिकेगा. अभी फिलहाल 200 रुपए किलो में बिक रहा है. यह आम कम जगह पर छोटे पौधे में भी फल देगा और हर साल फल देगा. इसी वजह से किसानों के लिए भी ये मुनाफे का सौदा है. एक आम के पेड़ की कीमत तीन सौ रुपए है और इसके तैयार करने में कोई खास खर्च भी नहीं है. दूसरी बात इस नस्ल को यहां के क्लाइमेट में पूरी तरह सेट किया गया है इसलिए आने वाले समय में यह आम की बाग लगाने वाले किसानों के लिए काफी लाभकारी होगा.