आपने अक्सर पीले केले का सेवन किया होगा. उत्तर भारत के ज्यादातर लोगों को शायद पता हो, देश के कुछ राज्य ऐसे हैं, जहां लाल केले की खेती होती है. महाराष्ट्र के जलगांव और सोलापुर में इसकी खेती की जाती है. फिलहाल, इस केले की खेती उत्तर भारत के राज्यों में भी अब होने लगी है. विशेषज्ञों के अनुसार सेहत के लिए भी लाल केले को काफी फायदेमंद माना जाता है. इस केले की खेती ऑर्गेनिक तरीके से की जाती है.
सामान्य केलों से अधिक है कीमत
बता दें कि लाल केले की कीमत सामान्य पीले केले के मुकाबले अधिक होती है. इसकी कीमत 50 रुपये किलो से 100 रुपये के आसपास पहुंचती है. इस केले का तना लाल रंग का होता है और पेड़ लंबा होता है. साथ ही इसका स्वाद काफी मीठा होता है.प्रत्येक गुच्छे में 80 से 100 फल होते हैं. इनका वजन 13 से 18 किलो होता है. इस किस्म की खेती ठाणे क्षेत्र में पाई जाती है. लाल केले की नस्ल शुष्क जलवायु के अनुकूल है. इसकी खेती भी सामान्य केलों की ही तरह की जाती है.
कैंसर से लेकर डायबिटीज के लिए भी फायदेमंद
लाल केले पर की गई तमाम रिसर्च के मुताबिक इसमें पोटेशियम, आयरन और विटामिन ज्यादा पाया जाता है. इसका छिलका लाल और फल हल्का पीला होता है. इस केले में शुगर की मात्रा कम पाई जाती है. वहीं हरे और पीले केले के मुकाबले इसमें बीटा कैरोटीन अधिक पाया जाता है. बीटा-कैरोटीन धमनियों में खून का थक्का जमने नहीं देता है. यही वजह है कि लाल केला कैंसर और दिल से जुड़ी बीमारियों को दूर रखने में मददगार साबित होता है. इसमें भरपूर मात्रा में फाइबर पाया जाता है. रोजाना एक लाल केला खाने से शरीर के लिए आवश्यक फाइबर की आपूर्ति हो जाती है. इसके सेवन से डायबिटीज होने का खतरा भी कम हो जाता है.