
इस समय खरीफ की फसलों की खेती का मौसम है और इन फसलों में पानी की अधिक जरूरत होती है. ऐसे में सरकार फलदार फसलों को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाओं पर काम कर रही है. इसी में एक फसल केले की भी है, जिसे मुनाफे वाली खेती माना जाता है. ऐसे में उत्तर भारत के कई किसान (Farmers) अब पारंपरिक खेती को छोड़कर केले की खेती (Banana Cultivation) की तरफ रूख कर रहे हैं.
प्रति एकड़ 4 लाख रुपये तक का मुनाफा
उत्तर प्रदेश के सीतापुर के बेलहारी गांव के रहने वाले सुधीर गांधी यूपी सरकार की तरफ से उन्नत प्रगतिशील किसान का पुरस्कार हासिल कर चुके हैं. वह तीन एकड़ में केले की खेती (Banana Cultivation) करते हैं. प्रति एकड़ वह इससे सालाना 4 लाख तक का मुनाफा कमा लेते हैं. मार्केट की स्थिति अगर थोड़ी और बेहतर होती है तो ये मुनाफा बढ़कर 5 लाख तक पहुंच जाता है. aajtak.in से खास बातचीत में उन्होंने बताया कि केले की खेती करते समय वह पौधे से पौधे की दूरी 6 फीट और लाइन से लाइन की दूरी 9 फीट लेते हैं. इस दौरान वह खाली जगह पर सहफसली पौधे जैसे गेंदे और अदरक की खेती करते हैं. इसका फायदा ये होता है कि केले की फसल की लागत सहफसली पौधों से निकल आती है.
केले के पौधे की खास बातें
केले के पौधे की साथ खास बात यह है कि एक बार लगाने के बाद ये लंबे समय तक टिकता है. अमूमन ये पांच साल तक तो टिकता है. अगर इसको बीमारियां नहीं लगती हैं तो इसके 10 साल तक भी टिकने की संभावना रहती है. इसे बीमारियों से बचाने के लिए समय-समय इसकी सिंचाईं करने की आवश्यकता होती है. अगर किसान भाई समयानुसार सिंचाईं नहीं करते हैं तो केले के पौधों को ज्यादा दिन तक जीवित नहीं रखा जा सकता है.
घर पर ही बनाते हैं खाद्य, सिंचाई के लिए ड्रिप इरिगेशन का करते हैं उपयोग
सुधीर गांधी ने बताया कि वह केले की खेती के लिए केमिकल खाद्यों पर बिल्कुल निर्भर नहीं रहते हैं. वह घर पर ही वर्मी कम्पोस्ट के माध्यम से जैविक खाद्य का उपयोग करते हैं. इससे खेती में उनकी लागत भी कम आती है और इससे निकलने वाले फल भी स्वास्थ्य के लाभदायक होता है. इसके अलावा उन्होंने बताया कि सिंचाईं के लिए ड्रिप इरिगेश की विधि का उपयोग करते हैं, इससे सभी पौधों को पर्याप्त मात्रा में पानी मिल जाता है और उनकी वृद्धि बेहतर तरीके से होती है.
केले का बाजार
केला लोगों के पसंदीदा फलों में से एक है. इसका बाजार ढूंढने में ज्यादा समय नहीं लगता है. अक्सर इसके फल खेतों से ही हाथों हाथ बिक जाते हैं. जो नहीं बिकते उसे व्यापारी हाथों-हाथ बाजार में खरीद लेते हैं. इसके अलावा केले के पत्ते भी बेचे जाते हैं, जो पत्तल और रस्सी तैयार करने में उपयोग करने में लाए जाते हैं. इसकी कमाई केले के फल की कमाई से अलग होती है. साथ ही किसान इससे अपने मुनाफे को दोगुना कर सकते हैं.