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मॉनसून के लिए अभी और करना पड़ेगा इंतजार? किसानों को ऐसे हो सकता है नुकसान

मौसम विभाग ने 4 जून को केरल के तट से मॉनसून के टकराने का पूर्वानूमान जताया था. ताजा अपडेट के मुताबिर मॉनसून के केरल के तट से टकराने अभी कुछ दिन और लगेंगे. इसका असर फसलों की बुवाई पर भी पड़ सकता है.

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मॉनसून के लिए करना पड़ेगा इंतजार
मॉनसून के लिए करना पड़ेगा इंतजार

देशभर में पिछले कुछ दिनों से मौसम की आंखमिचौली का खेल जारी है. कभी बारिश के चलते मौसम सुहाना हो रहा है तो अगले दिन हीटवेव के चलते लोग झुलसने को मजबूर हो रहे हैं. मौसम विभाग ने 4 जून को केरल के तट से मॉनसून के टकराने का पूर्वानूमान जताया था. अब लेटेस्ट अपडेट के मुताबिक मॉनसून के केरल के तट से टकराने में 3 से 4 दिन और लग सकते हैं.

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क्या है मॉनसून की स्थिति

मौसम विभाग के मुताबिक दक्षिण अरब सागर के ऊपर पछुआ हवाओं के बढ़ने से मॉनसून के लिए परिस्थितियां अनुकूल हो रही हैं. इन हवाओं की गहराई भी औसत समुद्र तल से 2.1 किमी तक पहुंच गई है. इसके अलावा अरब सागर के ऊपर बादल बढ़ रहे हैं. केरल में मॉनसून आने में 3 से 4 दिन और लग सकते हैं.

किसानों को हो सकता है नुकसान

साल 2022 में कम बारिश के चलते किसानों को काफी नुकसान हुआ था. समय पर बारिश नहीं होने के चलते किसानों ने धान की बुवाई में देरी की थी. जिन किसानों ने समय से बुवाई कर भी दी थी, उन्हें सिंचाई की संकट के चलते खासा नुकसान उठाना पड़ा था. धान के उत्पादन में भी भारी कमी दर्ज की गई थी. इस साल भी मॉनसून की देरी की मार किसानों पर पड़ सकती है. मॉनसून में देरी के चलते किसानों को अपनी फसलों की बुवाई के लिए इंतजार करना पड़ेगा. ऐसे में किसानों की फसल समय से तैयार नहीं हो पाएगी. इस असर फसल उत्पादन पर भी पड़ेगा.

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पिछले साल यूपी के 62 जिले थे सूखाग्रस्त

धान के साथ-साथ किसानों के सोयाबीन तथा मूंगफली की फसलों को नुकसान हो सकता है. यदि फसल की बुवाई में अधिक की देरी होती है तो फसल का उत्पादन घट सकता है. बता दें कि पिछले साल फसल चक्र पर बुरा प्रभाव पड़ा था.  बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार ने साल 2022 में तकरीबन 62 जिलों को सूखाग्रस्त घोषित किया गया था. वहीं, झारखंड और बिहार के भी सभी जिलों को सूखे की मार झेलनी पड़ी थी. 

 

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