कम लागत में बढ़िया मुनाफे के चलते मधुमक्खी पालन का व्यवसाय ग्रामीणों में काफी लोकप्रिय हो रहा है. बड़ी संख्या में ग्रामीण इससे जुड़कर अपनी कमाई बढ़ा रहे हैं. इसके लिए किसानों को 80 से 85 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जाती है.
बिहार सरकार भी मधुमक्खी पालन के इच्छुक किसानों को 90 प्रतिशत तक की सब्सिडी देती है. वही, झारखंड सरकार भी इससे संबंधित व्यवसायों को शुरू करने के लिए 80 प्रतिशत तक सब्सिडी देती है.
मधुमक्खी पालन के क्षेत्र में दिलचस्पी रखने वाले किसानों की नाबार्ड भी मदद करता है. राष्ट्रीय मधुमक्खी बोर्ड (NBB) ने नाबार्ड (NABARD) एक दूसरे से टाई अप कर एक फाइनेंसिंग स्कीम की भी शुरुआत की थी. इस स्कीम के जरिए मधुमक्खी पालन के इच्छुक किसानों को आर्थिक मदद मुहैया कराई जाती है.
10 पेटी से मधुमक्खी पालन की शुरुआत करने के लिए तकरीबन 35 से 40 हजार रुपये तक का खर्च आता है. इसी से आपको लाखों का मुनाफा हासिल हो जाएगा. आगे चलकर आप जितनी ज्यादा मधुमक्खियों और पेटियों की संख्या बढ़ाएंगे आपका मुनाफा भी उतना बढ़ता जाएगा.
मधुमक्खियों को रखने के लिए किसानों को कार्बनिक मोम (डिब्बे) की व्यवस्था करनी होती है. इस डिब्बे में 50 से 60 हजार मधुमक्खियां एक साथ रखी जाती हैं. इन मधुमक्खियों द्वारा तकरीबन एक क्विंटल शहद का उत्पादन होता है.