Duck Farming: भारत में किसान खेती के बाद सबसे ज्यादा पशुपालन के जरिए अपना जीवनयापन करते नजर आते हैं. बड़ी संख्या में किसान गाय, भैंस, बकरी, मुर्गी और बत्तख का पालन कर बढ़िया मुनाफा कमा रहे हैं. फिलहाल पिछले कुछ सालों से किसानों के बीच बत्तख पालन को लेकर दिलचस्पी बढ़ी है. दरअसल मुर्गी पालन के मुकाबले बत्तख पालन की खेती कम लागत के साथ ज्यादा मुनाफा देने वाली होती है.
बढ़ रहे हैं बत्तख के अंडों और मांस का डिमांड
बता दें कि बत्तख के अंडे और मांस दोनों में प्रोटीन की मात्रा काफी अधिक पाई जाती है. मार्केट में भी इसकी डिमांड बढ़ती जा रही है. डिमांड के साथ-साथ इसकी कीमतों में भी इजाफा हो रहा है, जिससे किसानों की आय में भी अच्छा खासा इजाफा हो रहा है.
तालाब के आसपास करें बत्तख पालन
बत्तख पालन शुरू करने के लिए शांत स्थान बेहतर माना जाता है. तालाब के आसपास का स्थान इसके लिए बेहद उपयुक्त साबित होता है. बत्तख पालन करने वाले स्थान पर तालाब नहीं है, तो आप अपनी आवश्यकता के मुताबिक तालाब की खुदाई करा सकते है. तालाब नही खुदवाना चाहते है, तो टीनशेड के चारों ओर दो से तीन फुट गहरी व चौड़ी नाली बनवा सकते, जिसमें बतखें तैरकर अपना शारीरिक विकास कर सकें.
बत्तख पालन के लिए मिलती है सब्सिडी
बत्तख पोल्ट्री फार्म खोलने के लिए सरकार की तरफ से 25 प्रतिशत तक की सब्सिडी भी दे जाती है. वहीं एससी और एसटी वर्ग सम्बंधित व्यक्तियों के लिए सब्सिडी राशि 35 फीसदी निर्धारित की गयी है. इसके अलावा पालकों के ऊपर ज्यादा दबाव ना आए, इसके लिए लोन भी प्रदान किया जाता है.नाबार्ड (राष्ट्रीय कृषि व विकास ग्रामीण बैंक) भी बत्तख पालन के लिए किसानों को कर्ज देती है. इसके अलावा प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत भी SBI बत्तख पालन के लिए लोन दिया जाता है.
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