अंबाला के रहने वाले पशुपालक राकेश कुमार ने 2 साल पहले गिर नस्ल की 2 गाय से पशुपालन शुरू किया था. दूध-घी की बढ़ती मांग के चलते राकेश आज 43 गिर गाय पालकर लाखों रुपये कमा रहे हैं. ये गिर गाय 20 से 18 और 15 लीटर तक प्रतिदिन दूध देती हैं.
गिर नस्ल की गाय भारतीय मूल की दक्षिण काठियावाड़ में पाई जाती हैं. गिर गाय में दो देसी खासियत है. ये एकलौती ऐसी गाय है जिसके दूध में स्वर्णतः पाई जाती है. इसका दूध पूरी तरह से A.2 मिल्क होता है, दूध का उत्पादन भी अच्छा होता है. करनाल के डेरी किसान मेले में पहुँचे किसान राकेश ने 2 साल पहले गिर नस्ल की 2 गाय से पशुपालन का काम शुरू किया था. आज गिर गाय का आंकड़ा 43 तक पहुँच गया है.
काफी फायदेमंद है भारतीय नस्ल की ये गाय
पशुपालक ने बताया कि वह गिर गाय के ऊपर काम करता है. जैसे ब्रीडिंग. 43 के करीब गिर गाय उसके पास मौजूद हैं. करीब 2 साल पहले उसने 2 गिर गाय से अपना पशुपालन का व्यवसाय शुरू किया था. जैसे-जैसे उसके पास घी और दूध की मांग बढ़ती गई, वैसे-वैसे वो गिर गाय को और ज्यादा बढ़ाता गया और अब वह ब्रीडिंग भी कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि भारतीय नस्ल की ये गाय काफी फायदेमंद है.
100 रुपए लीटर दूध और 3500 रुपए किलो घी
उन्होंने कहा कि उनके पास जो गिर गाय मौजूद हैं, उनसे वह 20 लीटर, 18 लीटर और 15 लीटर दूध देने वाली अलग-अलग गाय हैं यानी जैसी गिर गाय, उससे वैसा दूध उत्पादन होता है. पशुपालन के फायदे बताते हुए राकेश कुमार ने बताया कि मुनाफे के साथ-साथ मन और शरीर दोनों को शांति है. वो सिर्फ गिर गाय के ऊपर काम करते हैं. 100 रुपए लीटर के हिसाब इसका दूध बेचते हैं और घी 3500 रुपए किलो के रेट पर बेचते हैं. इस घी को बिलोना पद्धति से निकाला जाता है.