Camel Farming: भारत के गांव-देहात में खेती-किसानी के अलावा किसान आय के लिए सबसे ज्यादा पशुपालन पर निर्भर रहते हैं. गाय,भैंस, बकरी से इतर अब किसान ऊंटों के पालन में भी दिलचस्पी लेने लगे हैं. इसे राजस्थान में राज्य पशु भी कहा जाता है. बता दें कि ऊंटनी का दूध सेहत के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है. इसी वजह से बाजार में इस दूध कीमत अच्छी-खासी मिल जाती है.
बता दें राजा-महाराजाओं के वक्त में ऊंटों का इस्तेमाल युद्ध के लिए होता था. धीरे-धीरे इनका उपयोग बोझा ढोना, कृषि कार्यों या फिर दूध उत्पादन के लिए भी किया जाने लगा. ऐसे में ऊंटों के पालन किसान अब अच्छा-खासा मुनाफा कमा सकते हैं. यह मुनाफा आसानी से लाखों में पहुंच सकता है और पशुपालक इससे अपना जीवन स्तर और बेहतर कर सकते हैं.
सरकार भी देती है अनुदान
किसानों के बीच ऊंट पालन को लेकर जागरुकता बढ़े केंद्र सरकार इसके लिए कई सारी योजनाएं भी समय-समय पर लॉन्च करती रहती हैं. इसके अलावा वह इसपर अनुदान भी प्रदान कर रही है. वहीं, ऊंट के दूध का पूरा कलेक्शन सरकारी डेयरी आरसीडीऍफ (RCDF) द्वारा किया जा रहा है. जिससे किसानों को बाजार खोजने के लिए भी मशक्कत नहीं करना पड़ता. इसके अलावा सरकार ने ऊंटों की सुरक्षा के लिए उन्हें दूसरे राज्यों में बेचने पर प्रतिबंध लगाया है. इसके अलावा राज्य सरकारों से भी ऊंटों के पालन पर किसानों को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराया जाता है.
भारत के साथ बाकी देशों में भी इसकी मांग बहुत अधिक है. हालांकि, सरकार ने ऊंटों के निर्यात पर अभी प्रतिबंध लगा दिया है. दरअसल, सरकार ने ऐसा ऊंटों कम होती संख्या को रोकने के लिए किया है. सरकार द्वारा ऊंट पालकों की सहायता के लिए समय-समय पर प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित किये जा रहे है. जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगों का रुझान इस पालन की तरफ बढ़े और ऊंटों की संख्या में भी इजाफा हो.