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देसी गाय खरीदने पर 25 हजार रुपये सब्सिडी देगी हरियाणा सरकार, किसानों के लिए CM खट्टर का ऐलान

Haryana Farmers: हरियाणा सरकार ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए बड़ा ऐलान किया है. सरकार ने किसानों को देसी गाय खरीदने पर सब्सिडी देने का फैसला लिया है. मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि देसी गाय की खरीद के लिए सरकार किसानों को 25 हजार रुपये तक की सब्सिडी देगी.

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Haryana Govt Desi Cow subsidy News
Haryana Govt Desi Cow subsidy News
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 2 से 5 एकड़ जमीन वाले किसानों को मिलेगी सब्सिडी
  • प्राकृतिक खेती को बढ़ाने के लिए सरकार का फैसला

Subsidy on Desi Cow, Haryana News: हरियाणा में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बड़ा ऐलान किया है. मनोहर लाल खट्टर ने रविवार को कहा कि सरकार देसी गाय की खरीदने के लिए किसानों को 25 हजार रुपये तक की सब्सिडी देगी. साथ ही, प्राकृतिक खेती के लिए जीवामृत का घोल तैयार करने के लिए किसानों को चार बड़े ड्रम भी दिए जाएंगे. ऐसा करने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य होगा. 

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मुख्यमंत्री खट्टर करनाल के डॉ. मंगलसैन ऑडोटोरियम हॉल में प्राकृतिक खेती पर आयोजित राज्यस्तरीय समीक्षा बैठक में मुख्यातिथि के रूप में शामिल हुए थे. जहां उन्होंने देसी गाय की खरीद पर 25 हजार रुपये सब्सिडी देने की बात कही. मुख्यमंत्री ने 20-22 कृषि विशेषज्ञों से सीधा संवाद किया और प्राकृतिक खेती को बढ़ाने के टिप्स भी दिए. 

इस बैठक में सीएम खट्टर ने कहा कि अब प्रगतिशील किसानों को प्रकृतिशील किसानों के नाम से जाना जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि अपनी मर्जी से प्राकृतिक खेती अपनाने वाले 2 से 5 एकड़ जमीन वाले किसानों को देसी गाय खरीद के लिए 50 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान की जाएगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राकृतिक खेती का मूल उद्देश्य खान-पान को बदलना है, इसके लिए हमें 'खाद्यान ही औषधि' की धारणा को अपनाना होगा. 

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उन्होंने कहा कि सिक्कम देश का पहला राज्य है, जो पूरी तरह से प्राकृतिक खेती पर आ गया है. हिमाचल प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र व मध्य प्रदेश में भी काफी कार्य हो रहा है, अब हरियाणा सरकार नई पहल करते हुए देसी गाय की खरीद पर सब्सिडी देने का कार्य करेगी. 
मुख्यमंत्री ने कहा, उन्हें खुशी है कि किसान अब प्राकृतिक खेती को समझने लगे हैं और कृषि विभाग द्वारा बनाए गए पोर्टल पर अब तक प्रदेश के 1253 किसानों ने स्वेच्छा से प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए पंजीकरण करवाया है.

मुख्यमंत्री खट्टर ने कहा कि एक समय था जब 1960 के दशक में देश में खाद्यानों की कमी हो गई थी, इसके लिए हरित क्रांति का आह्वान किया गया, जिसके चलते अंधाधुंध रासायनिक खादों का उपयोग हुआ और देश में अनाज के उत्पादन की कमी नहीं रही. अब रासायनिक खादों के प्रयोग से खेत और फसल भी जहरीले हो गए हैं. 

सीएम खट्टर ने यह भी कहा कि प्राकृतिक खेती के उत्पादों की पैकिंग सीधे किसान के खेतों से ही हो, ऐसी योजना भी तैयार की जाएगी जिससे बाजार में ग्राहकों को इस बात की शंका ना रहे कि यह प्राकृतिक खेती का उत्पाद है या नहीं. 

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