गर्मी के मौसम में गाय- भैंसें दूध कम देने लगती है. इससे किसानों को आर्थिक तौर पर नुकसान भी झेलना पड़ता है. किसानों के सामने ऐसी स्थिति ना आए इसके लिए गाय-भैंसों को चारे के रूप में हरी-भरी घास देने की सलाह दी जाती है. इन घासों में नेपियर जिसे हाथी घास कहते हैं सबसे फायदेमंद मानई जाती है. सरकार भी किसानों को इस घास की खेती के लिए लगातार प्रोत्साहित करती रहती है. इसी कड़ी में राजस्थान सरकार किसानों को हाथी घास की खेती के लिए सब्सिडी भी दे रही है.
हाथी घास की खेती पर 10 हजार रुपये की सब्सिडी
हाथी घास की खेती किसान किसी भी मौसम में कर सकते हैं. अगर आप राजस्थान के किसान हैं और हाथी घास की खेती करना चाहते हैं तो आपको गहलोत सरकार की तरफ उन्हें 10 हजार रुपये की सब्सिडी दी जाएगी. सरकार की तरफ से मिलने वाली इस सब्सिडी को पाने के लिए किसान को राजकिसान साथी पोर्टल पर जाकर आवेदन कर सकते हैं.
हाथी घास के सेवन से घास-भैंसें ज्यादा दूध देने लगती हैं
हाथी घास बिल्कुल गन्ने की तरह दिखता है. इसकी ऊंचाई 4 मीटर तक हो सकती है. इस घास के अंदर कई सारे पोषक तत्व पाए जाते हैं. इसे खाने से गाय- भैंस ज्यादा दूध देने लगती हैं. यही वजह है कि राजस्थान सरकार ने नेपियर घास के ऊपर सभी ग्राम पंचायतों में सब्सिडी देने का फैसला किया है.
पशुपालकों को चारे की कमी से मिलेगी निजात
पशुपालक नेपियर घास लगाकर उससे प्राप्त होने वाली स्टिकस (रोपण सामग्री) को अगले पशुपालकों को बेचकर अतिरिक्त मुनाफा कमा सकते हैं. नेपियर घास बहुवर्षीय पौधा माना जाता है. इसके होने के कारण पूरे वर्षभर हरे चारे की कमी की समस्या से पशुपालकों को राहत मिलेगी.
पशुपालकों के खाते में भेजी जाएगी सब्सिडी
राजकिसान साथी पोर्टल पर आवेदन करने के बाद कृषि अधिकारी द्वारा उसका सत्यापन किया जाएगा. भौतिक सत्यापन के बाद किसानों के खाते में सब्सिडी की राशि सीधे ट्रांसफर की जाएगी.