Animal Insurance Scheme: देश के ग्रामीण क्षेत्रों में पशुपालन आय का सबसे बड़ा स्रोत माना जाता है. दूध व्यवसाय ग्रामीण बढ़िया मुनाफा कमा रहे हैं. हालांकि, इस बीच लंपी वायरस ने उत्तर भारत के कई राज्यों में पशुपालकों की कमर तोड़ दी है. हरियाणा में भी स्थिति काफी भयावह है. रोकथाम के लिए बड़े स्तर पर टीकाकरण की प्रकिया शुरू हो चुकी है.
हरियाणा में पशु बीमा योजना का लें लाभ
हरियाणा में लंपी वायरस से बड़ी संख्या के गायों की मौते हुई हैं. पशुपालकों की कमाई पर बेहद बुरा असर पड़ा है. गायों का बीमा नहीं होने की वजह से उन्हें भारी नुकसान झेलना पड़ा है. इसी को देखते हुए हरियाणा में पंडित दीन दयाल उपाध्याय सामूहिक पशुधन बीमा योजना की शुरुआत की गई है. इस योजना के तहत जीरो ब्याज से लेकर 25 रुपये, 100 रुपये और 300 रुपये में दुधारु पशुओं को सुरक्षा कवच प्रदान किया जाता है.
किसपर कितना प्रीमियम देय
बड़े पशुओं के दूध उत्पादकता के आधा पर 100 से 300 रुपये का प्रीमियम देय है. वहीं छोटे पशुओं के लिए ये राशि सिर्फ 25 रुपये है. अनुसूचित जाति के लाभार्थी पशुपालकों को इस योजना का लाभ लेने के लिए कोई भी प्रीमियम नहीं देना होगा. सरकार के मुताबिक फिलहाल 3 लाख से ज्यादा पशुपालक इस योजना का लाभ ले चुके हैं. अब 42 करोड़ रुपये तक का बीमा क्लेम किया जा चुका है. इनमें बड़े पशुपालकों में गाय, भैंस, झोटा, सांड, घोड़ा, ऊंट, खच्चर, बैल को शामिल किया गया है. वहीं, छोटे पशुपालकों भेड़, बकरी, सूअर व खरगोश सम्मिलित है.
पंडित दीनदयाल उपाध्याय सामूहिक पशुधन बीमा योजना से राज्य के पशुपालकों को आर्थिक सहायता प्रदान कर रही हरियाणा सरकारhttps://t.co/lRZ2oZIPlX पर करें आवेदन। pic.twitter.com/IMsMkkUuO0
— MyGovHaryana (@mygovharyana) September 11, 2022
क्या कहते हैं कृषि वैज्ञानिक
सीतापुर कृषि विज्ञान केंद्र के पशुधन वैज्ञानिक आनंद सिंह कहते हैं पशुधन बीमा योजनाओं के अंतर्गत किसी भी बीमारी या हादसे में पशुओं की मौत होने पर बीमा की राशि क्लेम की जा सकती है. लंपी वायरस से भी अगर पशु की मौत हो गई है तो भी पशुपालक बीमा पाने का पात्र है. केंद्र सरकार तो पशुधन बीमा योजना का लाभ लेने के लिए सब्सिडी भी देती है.
यहां करें आवेदन
अगर आप हरियाणा के निवासी हैं और इस बीमा योजना का लाभ लेना चाहते हैं तो इसके ऑफिशियल पोर्टल सरल Antyodaya-Saral Portal (saralharyana.gov.in) पर जाकर आवेदन करना होगा. वहीं, अगर आप इससे संबंधित अन्य कोई जानकारी पाना चाहते हैं तो पशुपालन विभाग से संपर्क कर सकते हैं.