देश की इकोनॉमी को बढ़ाने में ग्रामीण अर्थव्यवस्था की अहम भूमिका है. इसमें भी पशुपालन का महत्वपूर्ण योगदान है. गाय और भैंसों के पशुपालक बढ़िया मुनाफा कमा रहे हैं. किसानों के बीच भैंस पालन को और बढ़ावा देने के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने एक बढ़िया तरीका निकाला है. कुटकुट विकास निगम द्वारा सेक्स सार्टेड सीमन की तकनीक का उपयोग करके मादा भैंसों की संख्या बढ़ाने का फैसला किया गया है.
भैंसों की दूध उत्पादन क्षमता बढ़ेगा
इस तकनीक से भैंसों का कृत्रिम गर्भाधान किया जाएगा, ताकि मादा प्रजाति की भैंस ही पैदा हों. इसके चलते भैंसों का दूध उत्पादन बढ़ाया जा सकेगा. रोजाना 20 लीटर तक दूध का उत्पादन लेने में मदद मिलेगी. बढ़ते हुए दूध उत्पादन के चलते पशुपालकों का मुनाफा भी बढ़ेगा. बता दें कि कई अन्य देशों में इस तकनीक के उपयोग से पशुपालन में मुनाफा बढ़ाया जा चुका है.
भैंसों की नस्लों में होगा सुधार
रिपोर्ट्स के मुताबिक, भैंसों के इस नस्ल सुधार कार्यक्रम में मुर्रा, जाफराबादी और भदावरी प्रजाति की भैंसों को शामिल किया गया है. पहले चरण में मुर्रा भैंस का नस्ल सुधार किया जाएगा. फिर जाफराबादी और भदावरी प्रजाति की भैसों की नस्ल सुधार के लिए भी यही प्रकिया अपनाई जाती है.
ऐसे करती है ये तकनीक काम
बता दें कि इस तकनीक में गाय और भैंस, जो सबसे ज्यादा दूध देती हैं, उनके सांड और भैंसा का चुनाव करना होगा. उन सांड और भैंसा से सीमेन कलेक्ट किया जाता है. उसी वक्त किसी दूसरे गाय और भैंस के हीट पीरियड में उनके अंदर से अंडाणु कलेक्ट कर लेते हैं और लैब में सीमेन और अंडाणु की सहायता से एक अन्य फर्टाइल अंडाणु का विकास करते हैं. इन अंडाणु के विकसित होने के बाद गाय वाले विकसित अंडाणु को गाय में ट्रांसप्लांट कर देते हैं. ठीक उसी तरह भैंस के विकसित अंडाणु को भैंस में ट्रांसप्लांट करते हैं.