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Dairy Farming: डेयरी किसानों की पसंदीदा है ये भैंस, 1055 लीटर तक देती है दूध

Nagpuri Buffalo: नागपुरी भैंस महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र की मानी जाती है. इसे कई नामों से जाना जाता है. कई जगहों पर ये अरवी, बरारी, चंदा, गणगौरी, गौलाओगन, गाओलवी, गौरानी, पुरंथदी, शाही और वरहदी नाम से पहचानी जाती है. आइए जानते हैं नागपुरी भैंस की खासियत.

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nagpuri buffalo (Pic credit: Facebook)
nagpuri buffalo (Pic credit: Facebook)

देश में पशुपालन आमदनी का सबसे बड़ा स्रोत बनता जा रहा है. किसान डेयरी के व्यवसाय से जुड़कर बढ़िया मुनाफा कमा रहे हैं. देश में कई ऐसी नस्ल की भैंसे भी हैं, जिनका पालन करने से किसान बढ़िया मोटी कमाई कर रहे हैं. नागपुरी नस्ल की भैंस भी पशुपालकों की पसंदीदा है. ये भैंस एक सीजन में 1000 लीटर से ज्यादा दूध देने की क्षमता रखती है.

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नागपुरी भैंस का आकार

यह भैंस महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र की मानी जाती है. इसे कई नामों से जाना जाता है. कई जगहों पर ये अरवी, बरारी, चंदा, गणगौरी, गौलाओगन, गाओलवी, गौरानी, पुरंथदी, शाही और वरहदी नाम से पहचानी जाती हैं. अन्य भैंसों की नस्लों की तुलना में नागपुरी भैंस का शरीर छोटा और हल्का होता है. रंग आमतौर पर काला होता है. चेहरे, पैरों और पूंछ के सिरों पर सफेद धब्बे होते हैं. इसके सींग लंबे होते हैं. इसकी औसत ऊंचाई लगभग 135 सेमी होती है.

 1055 लीटर दूध देने की क्षमता

बता दें कि कोई भी दुधारू गाय या भैंस पूरे साल दूध नहीं देती हैं. ये डेढ़ से तीन महीने तक दूध देती हैं. नागपुरी भैंस के बारे में कहा जाता है कि ये एक ब्यांत में 1055 लीटर दूध का उत्पादन करती है. इनके दूध में  7.7 प्रतिशत वसा पाया जाता है. डेयरी व्यवसाय के लिए ये भैंस काफी फायदेमंद साबित हो सकती है. पशुपालक बेहद कम वक्त में इस भैंस को घर लाकर लखपति बन सकता है.

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इन भैंसों को भी अपने बेड़े में करें शामिल

नागपुरी भैंस के अलावा देश में मुर्रा, नीलीरावी, जाफराबादी, पंढरपुरी, बन्नी, भदावरी, चिल्का, कालाखंडी, मेहसाणा, सुर्ती, तोड़ा जैसी ज्यादा दुग्ध उत्पादन क्षमता वाली देसी भैंसे भी इस देश में हैं. अगर पशुपालक डेयरी व्यवसाय ये तगड़ा मुनाफा कमाना चाहते हैं तो इन भैंसों को अपने बेड़े शामिल कर सकते हैं. निश्चित ही उनका मुनाफा कई गुना बढ़ जाएगा.

 

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