भारत में खेती-किसानी के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में आय का सबसे बड़ा साधन पशुपालन है. देश की अर्थव्यवस्था में भी इनका अहम योगदान है. राजस्थान सरकार ने पशुपालकों को लेकर एक अहम पहल की है. दरअसल, राज्य सरकार ने पशुपालकों के लिए हाईटेक कस्बे का निर्माण कराया है. इस कस्बे में एक ही जगह अस्पताल ,स्कूल, पुलिस चौकी, डेरी, सामुदायिक भवन सहित कई सुविधाएं उपलब्ध है.
पशुपालकों का कराया गया था सर्वे
इस योजना को अमल में लाने से पहले पशुपालकों के बीच सर्वे कराया गया. इस दौरान उनकी आर्थिक स्थिति से लेकर समाजिक स्थिति के बारे में भी जानकारी हासिल की गई. योजना का अवलोकन कर कोटा के धर्मपुरा 105 हैक्टेयर भूमि पर देवनारायण आवासीय योजना को अत्याधुनिक सुविधाओ ओर हाइटैक तरीके से नगर विकास द्वारा विकसित किया गया.
आर्थिक रूप ये मजबूत होंगे पशुपालक
पशुपालन मंत्री शांति धारीवाल के मुताबिक देश ही नहीं विदेशों में भी पशुपालकों के लिए सभी सुविधाओं से सुसज्जित ऐसी कोई योजना देखने को नहीं मिलेगी जहां एक साथ पशुपालकों को बसा कर उनका शैक्षणिक आर्थिक और सामाजिक विकास हो सके. उन्होंने कहा कि इस तरह के पहल से पशुपालकों के जीवन में बड़ा बदलाव आएगा.
मिलेगी ये सुविधाएं
पशुपालको को आवास के साथ पशुबाड़े ,भूसा कक्ष, बिजली , पानी, चौड़ी सडकें, सीवरेज जैसी मूलभूत सुविधाओं के अलावा स्कूल, चिकित्सालय, दुग्ध मंडी , हाट बाजार, सामुदायिक भवन, भूसा गौदाम , पुलिस चौकी , डेयरी उधौग, चारागृह मैदान ,मिल्क प्रोसेसिंग यूनिट, बायोगैस प्लांट, आवागमन के लिए बसों का संचालक किया जा रहा हैं ताकि योजना के मूल उर्देर्श्य जो पशुपालकों के जीवन में सामाजिक , आर्थिक, शैक्षणिक विकास को पूरा किया जा सके.
वनारायण आवासीय योजना जल्द ही देवनारायण नगर के नाम से अपनी पहचान बनाएगी, यहॉ गौबर से भी पशुपालको को आमदनी होगी नगर विकास न्यास एक रूपए प्रतिकिलो की दर से गौबर खरीदेगा जिससे पशुपालको को अतिरिक्त आमदनी होगी, साथ ही घरेलू गैस के लिए भी बायोगैस से कनेक्शन दिए गए है. इसके साथ ही अतिरिक्त गैस उत्पादन होने पर राजस्थान स्टेट गैस लिमिटेड को विक्रय की जाएगी. यही नही 4.79 हैक्टैयर में मिल्क प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित किया जा रहा है. प्रोसेसिंग यूनिट की शुरू होते ही पशुपालको का दुग्ध विक्रय की सुविधा भी उपलब्ध होगा. इससे उनका मुनाफा बढ़ेगा.