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Success Story: भारत के गांव की इस महिला का विदेशों में डंका, हस्तकला में मिल चुका है अवॉर्ड

Handicraft Art Success Story: 30 साल पहले गवरी ने हस्तकला का काम शुरू किया. इससे उनके परिवार का गुजारा चलने लगा. धीरे-धीरे उनका काम बढ़ना शुरू हो गया. गवरी बेन ने इस के काम के माध्यम से 450 महिलाओं को रोजगार दे रखा है. वह अपने हस्तकला का एक्सिबिशन अमेरिका, सिडनी , साऊथ अफ्रीका और इटली जैसे देशों में भी कर चुकी हैं.

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गवरीबेन
गवरीबेन

Success Story of Gujarat's Woman: स्किल्स, हौसला और साहस हो तो आप अपने जीवन के कठिन से कठिन लक्ष्य को भी हासिल कर सकते हैं. गुजरात के पाटन की बकुत्रा गांव की रहने वाली गवरी बेन ने भी कुछ ऐसी ही मिसाल पेश की है. गवरी ने हस्तकला के क्षेत्र में ऐसी पहचान बनाई और आज विदेशों में भी उनके नाम का डंका बजने लगा है. बॉलीवुड के बादशाह शाहरुख़ खान भी उनके काम के फैन हैं.

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गवरी जिस गांव की रहने वाली हैं, वहां रोजगार और शिक्षा ना के बराबर है. पानी की कमी के चलते बढ़िया तरीके से खेती भी संभव नहीं है. अब से करीब 30 साल पहले गवरी ने हस्तकला का काम शुरू किया. इससे उनके परिवार का गुजारा चलने लगा. धीरे-धीरे उनका काम बढ़ना शुरू हो गया. गवरी बेन ने अन्य महिलाओं को भी अपने साथ जोड़ा और फिर अहमदाबाद की एक सेवा संस्थान से जुड़ गईं. जिसके माध्यम से महिलाओं को कुछ आमदनी भी हासिल होने लगी. हालांकि, ये संस्था कुछ दिनों में ही बंद हो गई. गवरी बेन ने राज्य के अलग-अलग जगहों पर हस्तकला से बनाई गई चीजों का एक्सिबिशन में स्टॉल लगाना शुरू किया.

राष्ट्रपति ने दिया बेस्ट हस्तकला का अवॉर्ड 

गवरी बेन को हस्तकला के क्षेत्र में योगदान के लिए 2012 में राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल भी सम्मानित कर चुकी हैं. वह अमेरिका, सिडनी , साऊथ अफ्रीका और इटली जैसे देशों में भी अपनी  हस्तकला का एक्सिबिशन कर चुकी हैं. गवरी बेन ने इस के काम के माध्यम से 450 महिलाओं को रोजगार दे रखा है.
 
पाटन की हस्तकला का खूब बोल-बाला है. गवरी की बनाई गई चीजे ऑनलाइन भी बिकती हैं. अहमदाबाद और मुंबई की कई कम्पनियां हैं जो गवरी बेन और उनके साथ जुड़ी महिलाओं के द्वारा बनाई गई चीजे ऑनलाइन बेचती हैं. आज पाटन जिले में कुल 12000 से भी ज्यादा महिलाएं इनके साथ जुड़ी हैं.

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