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डिजिटल होंगे ग्रामीण विकास बैंक, छोटे किसानों के लिए आज ये प्रोग्राम लॉन्च करेंगे अमित शाह

केंद्रीय गृहमंत्री शाह आज (मंगलवार), 30 जनवरी को राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के एआरडीबी और आरसीएस की कम्प्यूटरीकरण परियोजना का शुभारंभ करेंगे. इस कार्यक्रम का आयोजन सहकारिता मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम के सहयोग से किया जा रहा है. 

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Amit Shah to launch computerization projects
Amit Shah to launch computerization projects

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह मंगलवार, 30 जनवरी को कृषि और ग्रामीण विकास बैंकों और सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार के लिए एक कम्प्यूटरीकरण परियोजना का शुभारंभ करेंगे. इस परियोजना से पूरे सहकारी प्रणाली को डिजिटल माध्यम से जोड़ा जाएगा. जिससे सहकारी क्षेत्र का आधुनिकीकरण के साथ-साथ कार्यक्षमता भी बढ़ेगी. इस कार्यक्रम में मंगलवार को 1200 से अधिक प्रतिभागी भाग लेंगे.

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कृषि और ग्रामीण विकास बैंकों की कम्प्यूटरीकरण परियोजना में फिलहाल 13 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को शामिल किया गया है. इसके तहत ARDB की 1851 इकाइयों को कम्प्यूटरीकृत करने और उन्हें एक कॉमन नेशनल सॉफ्टवेयर के माध्यम से NABARD से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है. 

परियोजना से होगें कई फायदे
इस परियोजना से सरकार ने कई लक्ष्यों को निर्धारित किया है. इस परियोजना से कॉमन एकाउंटिंग सिस्टम और मैनेजमेंट इनफार्मेशन सिस्टम के माध्यम से बिजनेस प्रकिया को स्टैंडराइज्ड किया जाएगा. इससे परिचालन क्षमता, जवाबदेही और पारदर्शिता आएगी. इसके अलावा लेन-देन की लागत को कम करना ओर किसानों को आसानी से लोन वितरण करना है. सरकार इस पर भी फोकस कर रही है कि बेहतर निगरानी और मूल्यांकन के लिए रियल टाइम में इस परियोजना की डेटा प्राप्त करना है. 

रजिस्ट्रार कार्यालयों का कम्प्यूटरीकरण
मंत्रालय द्वारा राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के कृषि और ग्रामीण विकास बैंकों और सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार कार्यालयों का कम्प्यूटरीकरण करना एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है. इस कदम से प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पीएसीएस) के माध्यम से ऋण और संबंधित सेवाओं के लिए एआरडीबी से जुड़े छोटे किसानों को भी लाभ मिलेगा. इसमें उन किसानों को भी फायदा होगा जो जमीनी स्तर पर एग्रीकल्चर लोन से जुड़े हुए हैं.

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परियोजना में 30,000 से अधिक कार्यरत
इस परियोजना में अब तक 50,000 से अधिक प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACS), कॉमन सर्विस सेंटर योजना के रूप में ऑन बोर्ड हो चुके हैं. जिसमें 30,000 से अधिक ने सेवाएं देना भी शुरू कर दिया है. इसके अतिरिक्त, सहकारिता मंत्रालय ने एक नया राष्ट्रीय सहकारी डेटाबेस स्थापित किया है जिसमें 8 लाख से अधिक सहकारी समितियों का डेटा उपलब्ध है और इस डेटाबेस को जल्द ही लॉन्च करके इसे सभी के लिए उपलब्ध कराया जाएगा.

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