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महाराष्ट्र: इस पूरे गांव में होता है दूध का कारोबार, लाखों में हर परिवार की कमाई

महाराष्ट्र के नांदेड़ के रहने वाले हनमंतु गोपुवाड के पास आज 10 भैंसे हैं. इन भैंसों से सुबह और शाम दो बार 50 लीटर दूध प्राप्त होता है. इससे उन्हें प्रतिदिन 2500 से 3000 रुपये की आय हो जाती है. इसी को देखते हुए अब उनका पूरा गांव डेयरी कारोबार करने लगा.

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Dairy Farming
Dairy Farming

महाराष्ट्र के नांदेड़ जिले का बोरगाडी गांव इन दिनों सुर्खियों में है. दरअसल, यह पूरा गांव दूध का कारोबार कर अच्छा मुनाफा कमा रहा है. 20 साल पहले यहां के किसान हनमंतु गोपुवाड ने 1 भैंस खरीदकर दूध का कारोबार शुरू किया था. धीरे-धीरे अब पूरा गांव दूध के कारोबार की तरफ मुड़ गया है.

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सालाना 1 लाख रुपये तक का मुनाफा

हनमंतु गोपुवाड के पास आज 10 भैंसे हैं. इनमें से 6 भैंस दूध दे रही हैं. इन भैंसों से सुबह और शाम दो बार 50 लीटर दूध प्राप्त होता है. इस दूध की कीमत 60 रुपये प्रति है लीटर. वे इसे गांव के पास स्थित हिमायतनगर शहर में ले जाकर बेचते हैं. इससे उन्हें प्रतिदिन 2500 से 3000 रुपये की आय हो जाती है. खर्च काटने के बाद उन्हें लगभग 1 लाख रुपये महीने का मुनाफा मिल जाता है. इसी दूध के कारोबार से उन्होंने 5 एकड़ खेत भी खरीदा है. हनुमंतु गोपुवाड ने सलाह दी है कि हर किसान को साइड बिजनेस के तौर पर गाय का पालन जरूर करना चाहिए.

पूरे गांव ने अपना लिया दूध का कारोबार

हनुमंतु गोपुवाड ने दूसरे के खेत में रखवलदार का काम करते हुए एक भैंस लेकर गांव में दूध का कारोबार शुरू किया था. उसके बाद गांव के कई लोगों ने उनसे प्रेरणा लेकर दूध का कारोबार शुरू किया. मुनाफा देखते हुए यहां के युवा किसानों ने भी दूध के कारोबार का रुख करना शुरू कर दिया है. इससे उन्हें नौकरी के लिए बाहर नहीं भटकना पड़ रहा है.

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पशुपालन के लिए मिलती है आर्थिक मदद

बता दें गाय-पालन और भैंस पालन के लिए सरकार की तरफ से मदद मिलती है. नाबार्ड पशुपालकों को दुधारू पशु पालने के लिए बढ़िया सब्सिडी भी देता है. इसके अलावा कई राज्य सरकारें भी अपने स्तर पर किसानों को पशुपालन के लिए आर्थिक मदद करती हैं. वहीं, कई बैंक सस्ती और रियाययती दरों पर पशुपालन के लिए लोन भी देती हैं.

( नांदेड़ से कुवरचंद मंडले की रिपोर्ट)

 

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