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गेहूं-धान की खरीद में टूटा पिछले साल का रिकॉर्ड, सरकार ने जारी किए आंकड़े

पूरे देश में 15 जून, 2021 तक 428.77 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हुई है. केंद्रीय उपभोक्ता कार्य, खाद्य एंव सार्वजनिक वितरण मंत्रालय द्वारा ये जानकारी साझा की गई है. गेहूं की खरीद से लगभग 48.20 लाख किसानों को फायदा मिला है.

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इस बार गेंहूं की रिकॉर्ड खरीद हुई
इस बार गेंहूं की रिकॉर्ड खरीद हुई
स्टोरी हाइलाइट्स
  • गेहूं की खरीद से लगभग 48.20 लाख किसानों को फायदा
  • देश में 428.77 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हुई

केंद्रीय उपभोक्ता कार्य, खाद्य एंव सार्वजनिक वितरण मंत्रालय (Union Ministry of Consumer Affairs, Food and Public Distribution) द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, 15 जून तक पूरे देश में 428.77 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हुई है. पिछले साल की तुलना में ये आंकड़ा कहीं ज्यादा है. पिछले साल इस अवधि के दौरान 379.68 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हुई थी. मौजूदा सत्र में गेहूं की खरीद से लगभग 48.20 लाख किसानों (farmers) को फायदा मिला है. 

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वहीं वर्तमान खरीफ सत्र 2020-21 और रबी विपणन सत्र में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर 835.18 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा गया, जिससे करीब 123.44 लाख किसानों को फायदा हुआ है. बता दें कि पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में इस साल 12 प्रतिशत अधिक धान की खरीद हुई है. 


खरीफ 2020-21 और रबी 2021 के सत्र के तहत 15 जून, 2021 तक सरकार द्वारा अपनी नोडल एजेंसियों के माध्यम से 8,45,426.71 मीट्रिक टन मूंग, उड़द, तुअर, चना, मसूर, मूंगफली की फली, सरसों के बीज और सोयाबीन की खरीद एमएसपी मूल्यों पर की गई है. इस खरीद से तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, हरियाणा और राजस्थान के 5,03,432 किसानों को 4,409.67 करोड़ रुपये की आय हुई है.


बता दें कि प्रदेशों से मिले प्रस्ताव के आधार पर तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तेलंगाना, गुजरात, हरियाणा, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों से खरीफ विपणन सत्र 2020-21, रबी विपणन सत्र 2021 और ग्रीष्म सत्र 2021 के लिए मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के तहत 107.83 लाख मीट्रिक टन दलहन और तिलहन की खरीद को भी मंजूरी प्रदान की गई.

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आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल राज्यों से 1.74 लाख मीट्रिक टन खोपरा (बारहमासी फसल) को क्रय करने के लिए भी स्वीकृति दी गई है. यदि अधिसूचित फसल अवधि के दौरान संबंधित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में बाजार की दरें एमएसपी से नीचे चली जाती हैं, तो राज्य की नामित ख़रीद एजेंसियों के माध्यम से केंद्रीय नोडल एजेंसियों द्वारा इन राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों को मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के अंतर्गत दलहन, तिलहन और खोपरा फसल की खरीद के प्रस्तावों की प्राप्ति पर भी मंजूरी दी जाएगी, ताकि पंजीकृत किसानों से वर्ष 2020-21 के लिए अधिसूचित किए गए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सीधे इन फसलों के एफएक्यू ग्रेड की खरीद की जा सके.

 

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