Subsidy on Agricultural Machinery: भारत में खेती-किसानी में आधुनिक तकनीकों का प्रयोग बेहद तेजी से बढ़ा है. हालांकि, ऐसा होने के बाद भी अधिकतर किसानों तक उसकी पहुंच नहीं है. इसकी सबसे बड़ी वजह है उन किसानों का आर्थिक रूप से सक्षम न होना. इन सबके बीच हरियाणा सरकार किसानों को कृषि मशीनों पर 40 से 50 फीसदी तक की छूट दे रही है.
बाजार में आधुनिक कृषि मशीनों की कीमतें काफी अधिक है. लघु और सीमांत किसान इन मशीनों को खरीद पाने में असमर्थ हैं. ऐसे में खेती-किसानी में उनकी लागत बढ़ जाती है. इन्हीं सब स्थितियों को देखते हुए केंद्र सरकार के अलावा अन्य कई राज्य भी किसानों को खेती की मशीनों पर सब्सिडी देते रहते हैं. हरियाणा सरकार ने कृषि मशीनों पर सब्सिडी के लिए आवेदन की आखिरी तारीख 09 मई रखी थी, फिर उस तारीख को बढ़ा कर 20 मई कर दिया है. इच्छुक किसानों के पास इन कृषि यंत्रों के लिए आवेदन करने का आखिरी मौका है.
इन मशीनों पर मिल रही है सब्सिडी
सरकार द्वारा बीटी कॉटन सीड ड्रिल, सीड कम फर्टिलाइजर ड्रिल, स्वचालित रीपर-कम-बाइंडर, ट्रैक्टर चालित स्प्रे पंप, डीएसआर, पावर टिलर, ट्रैक्टर चालित रोटरी विडर, ब्रीकेट मेकिंग मशीन, मेज व मल्टीक्रॉप प्लांटर, मेज व मल्टीक्रॉप थ्रेशर तथा न्यूमैटिक प्लांटर शामिल हैं. आवेदन करते समय किसानों को 2.5 लाख रुपये से कम अनुदान वाले कृषि यंत्रों के लिए 2500 रुपये तथा 2.50 लाख या इससे अधिक रुपये के कृषि यंत्रों पर 5 हजार रुपये आवेदन करते समय टोकन मनी के रूप में जमा करवाने होंगे. इच्छुक किसान इस योजना का लाभ लेने के लिए विभाग की वेबसाइट पर 9 मई तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं.
अन्य राज्य सरकारें भी चला रही हैं इस तरह की योजनाएं
बता दें हरियाणा की तरह उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों में भी कुछ इसी तरह की योजनाएं चलाई जा रही हैं. इसके अलावा केंद्र सरकार की SMAM योजना के तहत भी किसान सब्सिडी पर कृषि यंत्र घर ला सकते हैं. अधिक जानकारी के लिए किसान उन राज्यों के कृषि विभाग की वेबसाइट पर भी विजिट कर सकते हैं.