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Beekeeping: कम लागत में ज्यादा मुनाफा, मधुमक्खी पालन से बन जाएंगे लखपति

Bee Farming: मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने के लिए आत्मनिर्भर पैकेज में भी वित्त मंत्री ने 500 करोड़ की योजना का ऐलान किया था. इसके अलावा कई राज्यों द्वारा इस बिजनेस की शुरुआत करने के लिए सब्सिडी भी दी जाती है. किसानों के लिए ये व्यापार फायदे का सौदा इसलिए भी है क्योंकि इसकी शुरूआत के लिए ज्यादा पैसे नहीं लगाने पड़ते हैं

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Bee Farming
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स्टोरी हाइलाइट्स
  • वित्त मंत्री ने 500 करोड़ की योजना का ऐलान किया था
  • मधुमक्खी पालन पर 80 से 85% तक सब्सिडी

Bee Farming: भारत के ग्रमीण क्षेत्रों में पिछले कई सालों में खेती-किसानी के साथ-साथ लोगों के बीच बिजनेस में भी किस्मत आजमाने का चलन बढ़ा है. इन्हीं में एक व्यापार मधुमक्खी पालन का भी है. फिलहाल मधुमक्खी पालन बिजनेस  से कई लोग अच्छी कमाई कर रहे हैं. सरकार की तरफ से भी इस दिशा में किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए कई सारी योजनाएं चलाई जा रही है.

बता दें कि मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने के लिए आत्मनिर्भर पैकेज में भी वित्त मंत्री ने 500 करोड़ की योजना का ऐलान किया था. इसके अलावा कई राज्यों द्वारा इस बिजनेस की शुरुआत करने के लिए सब्सिडी भी दी जाती है. किसानों के लिए ये व्यापार फायदे का सौदा इसलिए भी है क्योंकि इसकी शुरुआत के लिए ज्यादा पैसे नहीं लगाने पड़ते हैं. अगर आप 10 पेटी से मधुमक्खी पालन की शुरुआत करते हैं तो ज्यादा से ज्यादा आपका खर्च 35 हजार से 40 हजार के बीच आता है. इसके अलावा मधुमक्खियों की संख्या हर साल बढ़ती जाती है. इसी के साथ आपका मुनाफा भी बढ़ता जाता है.

मधुमक्खियों के पालन के लिए एक कार्बनिक मोम( डिब्बे) की जरूरत होती है. इसमें 50 से 60 हजार मधुमक्खियां एक साथ रखी जाती हैं. इन 50 से 60 हजार मधुमक्खियों द्वारा एक क्विंटल शहद का प्रोडक्शन होता है.

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मधुमक्खियों से बना एक वास्तविक कार्बनिक मोम है. बाजार में इसकी औसत कीमत (Bee Income) 300 से 500 रुपए प्रति किलो है. मधुमक्खी के डिब्बे या डिब्बे में 50 से 60 हजार मधुमक्खियों को रखा जा सकता है. इससे 1 क्विंटल तक शहद प्रोडक्शन होता है.

कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय  ‘फसल उत्पादकता में सुधार के लिए मधुमक्खी पालन का विकास’  नाम से एक केंद्रीय योजना शुरू की है. इस योजना में इस सेक्टर को विकसित करना, प्रोडक्टिविटी बढ़ाना, प्रशिक्षण करना और जागरूकता फैलाना है.

इसके अलावा राष्ट्रीय मधुमक्खी बोर्ड (NBB) ने नाबार्ड (NABARD) के साथ टाई अप कर रखा है. दोनों मिलकर भारत में मधुमक्खी पालन बिजनेस के लिए फाइनेंसिंग स्कीम भी शुरू की हैं. इससे इस क्षेत्र में रूचि रखने वाले किसानों को बेहद लाभ होता है. इसके अलावा केंद्र सरकार भी मधुमक्खी पालन पर 80 से 85% तक सब्सिडी देती है.

बता दें कि भारत में शहद की खपत काफी ज्यादा है. साथ ही विदेशों में भी इसकी निर्यात भारी मात्रा में की जाती हैं. आपको बता दें कि शहद से कई तरह के प्रोडक्ट्स बनते हैं. इसके अलावा दवाओं में भी इसका उपयोग होता है. ऐसे में साल भर इसकी मांग बनी रहती है. बाजार में शहद की मौजूदा कीमत 400 से 700 प्रति किलोग्राम तक है. अगर आप प्रति बॉक्स 1000 किलोग्राम की शहद बनाते हैं, तो आप प्रति महीने में 5 लाख तक का शुद्ध मुनाफा हासिल कर सकेंगे.

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