Dragon Fruit Farming: बिहार के मोतिहारी के कुछ युवा किसानों ने पारंपरिक खेती को छोड़ अब नए तरीके की खेती की शुरुआत की है. खेती के इस नए स्टार्टअप से इन युवाओं को काफी फायदा हो रहा है. बता दें कि मोतिहारी में कई जगहों पर किसान अब ड्रैगन फ्रूट की खेती की तरफ रुख करने लगे हैं.
ड्रैगन फ्रूट की खेती से बंपर मुनाफा कमा रहा है किसान
ड्रैगन की खेती में किसानों सिंचाई और खाद डालने का टेंशन नहीं लेना पड़ता है. इसका पौधे एक बार खेतों में लगाने पर 25 सालों तक लगातार मुनाफा देता है. मोतिहारी के रितेश पांडे ने ड्रैगन फ्रूट की खेती की शुरुआत की थी. देखते ही देखते उनका मुनाफा कई गुना बढ़ गया. जिलाधिकारी भी उनके इस प्रयास की सराहना कर चुके हैं. इससे अलावा उनसे अब खेती के लिए दूरदराज से लोग ट्रेनिंग लेने आ रहे हैं.
इस तरह ड्रैगन फ्रूट की खेती करते हैं रितेश
रितेश बताते हैं कि ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए आपको ज्यादा मेहनत करने की जरूरत नहीं पड़ती है. इस पौधे को आप अपने बागवानी में लगा कर उसके चारों तरफ से सीमेंट के खंभे बनवा दें. फसल पर कभी-कभार आप पानी और खाद का छिड़काव करते रहें.
कम लागत में ज्यादा मुनाफा
इसके अलावा वह कहते हैं कि एक बार के निवेश के बाद आप इस पौधे से 25 वर्षों तक मुनाफा कमा सकते है. उन्होंने मात्र तीन कट्ठे में इस ड्रैगन फल की खेती की है. इसके लिए अपने खेत मे 52 सीमेंट के पिलर बनवाए हैं ताकि ये पेड़ झुके नहीं. आज वह ड्रैगन फ्रूट की खेती से कम लागत में सालाना 2 से 3 लाख रुपये मुनाफा हासिल कर रहे हैं.
बाजार में अच्छी कीमतों पर होती है बिक्री
ड्रैगन फ्रूट एक प्रकार की कैक्टस बेल है जिसकी खेती ऊंचे जगहों पर की जाती है. कैक्टस प्रजाति होने की होने की वजह से सिंचाई की कुछ खास जरूरत नहीं पड़ती है. ये पौधा खुद पानी संचय कर लेता है. इसके एक पौधे से आठ से दस फल प्राप्त होता है. एक फल का वजन तीन सौ से पांच सौ ग्राम होता है और ये बाज़ारो में तीन सौ से चार सौ रुपये प्रतिकिलो के हिसाब से बड़े ही आसानी से बिक जाता है.