भारत में किसान कृषि और पशुपालन के अलावा मछली पालन पर भी काफी हद तक निर्भर हैं. मछली पालन के क्षेत्र में आने वाले समय में काफी संभावनाएं भी हैं. सरकार भी मत्स्य पालन (Fish Farming) के क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए तमाम तरह की योजनाएं लेकर आ रही है, जिसका उपयोग कर किसान भाई आने वाले समय में अपनी आय दोगुनी कर सकें. इसके अलावा कई ऐसे ऐप भी लॉन्च किए गए हैं, जो किसानों को मछली पालन की नई तकनीकें भी सिखाते हैं.
भारत सरकार किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की योजना पर कार्य कर रही है. किसानों का मनोबल बनाने के लिए हर साल नकद पुरस्कार भी देती है. ऐसा ही एक पुरस्कार छत्तीसगढ़ सरकार (Chhattisgarh Govt) की तरफ से भी दिया जा रहा है. भूपेश बघेल की सरकार मछली पालकों और सहकारी संस्थओं और अशासकीय संगठनों को मत्स्य विकास के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए श्रीमती बिलासाबाई केंवटीन मत्स्य विकास पुरस्कार (Matsya Vikas Puraskar Yojana) के तहत एक लाख का नकद पुरस्कार दे रही है.
इस पुरस्कार के लिए आवेदन करने के लिए योग्यताएं
> छत्तीसगढ़ का कोई भी मछली पालक, सहकारी संस्थाएं और अशासकीय संगठन इस पुरस्कार के लिए आवेदन कर सकता है. इसके अलावा मत्स्य बीज उत्पादन एवं संवर्धन, मत्स्य उत्पादन (न्यूनतम 3000 किलोग्राम/हेक्टेयर) में सराहनीय काम किया हो.
> मत्स्य पालन के लिए अतिरिक्त जल क्षेत्र का विकास, विलुप्त होने वाले मछलियों की प्रजातियों का संरक्षण एवं बीमारियों की रोकथाम के लिए अनुसंधान कार्य करने वाले भी इस पुरस्कार के पात्र होंगे.
> आवेदन करने वाला छत्तीसगढ़ का मूल निवासी होना चाहिए.
> पुरस्कार के लिए 1 अप्रैल 2020 से 31 मार्च 2021 तक की कार्यावधि की समीक्षा की जाएगी.
जानिए कब, कहां और कैसे करें आवेदन
इस पुरस्कार के लिए कोई भी मछली पालक, सहकारी संस्थाएं और अशासकीय संगठन 31 अगस्त तक आवेदन कर सकता है. अगर कोई भी इच्छुक मत्स्य पालक आवेदन करना चाहता है तो वे मछली पालन विभाग के जिला कार्यालय से निशुल्क आवेदन पत्र हासिल करके भर सकते हैं. आवेदन के समय अपने किए गए कार्यों का फोटो, वीडियो और डाक्यूमेंट को जरूर जमा करें. जिसके बाद मत्स्य विभाग द्वारा इनकी समीक्षा की जाएगी और पुरस्कार के लिए नामों की घोषणा कर दी जाएगी.
इन सबके अलावा इस पुरस्कार के नियम और शर्तों के बारे में अधिक जानकारी के लिए मत्स्य पालक छत्तीसगढ़ सरकार के मछली पालन विभाग की वेबसाइट पर भी विजिट कर सकते हैं. इसके अलावा मछली पालन के जिला कार्यालय से भी अपने सवालों का जवाब पा सकते हैं.