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Subsidy On Fruit Orchard: किसानों की आय बढ़ाने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों के द्वारा कई तरह की योजनाएं लॉन्च की जाती रही हैं. अब इसी कड़ी में हरियाणा सरकार उद्यानिकी फसलों और उनके उत्पादन को बढ़ावा देने का काम कर रही है. दरअसल, राज्य सरकार किसानों को धान की खेती की जगह फलों के बाग लगाने पर 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी दे रही है.
हरियाणा इन दिनों भूजल संकट से जूझ रहा है. ऐसे में सरकार किसानों को धान की खेती की जगह इस खरीफ में अन्य फसलों की खेती का भी विकल्प भी दे रही है, जिससे किसानों को मुनाफा हो सके. इसके लिए सरकार द्वारा अनुदान भी दिया जा रहा है. सरकार ने फलों के बाग पर अनुदान देने की प्रकिया को चार श्रेणियों में बांटा है. इसके अलावा एक किसान अधिकतम 10 एकड़ क्षेत्र पर ही सब्सिडी प्राप्त कर सकता है. ये राशि किसानों को तीन किस्तों में तीन वर्षों के अंतराल दी जाएगी. योजना का लाभ लेने के लिए किसान hortnet.gov.in पोर्टल पर आवेदन कर सकते हैं. किसानों को अनिवार्य रूप से “मेरी फसल मेरा ब्योरा” पोर्टल पर पंजीकरण कराना जरूरी होगा.
समान्य दूरी वाले बाग
सामान्य दुरी वाले बाग में किसानों को एक एकड़ में 95 पौधों की संख्या रखने का निर्देश दिया गया है. पौधों तथा पंक्तियों कि दूरी 6 मी. × 7 मी. एवं इससे अधिक रखने को कहा गया है. इस श्रेणी के बागों में सरकार ने बेर, चीकू, लीची, आंवला, आडू एवं नाशपाती आदि फलों को शामिल किया है. इन बागों के लिए धिकतम लागत 65 हजार रूपये प्रति एकड़ निर्धारित किया गया है. 50 प्रतिशत की सब्सिडी के हिसाब से किसानों को इन बागों के लिए 32,500 दिए जाएंगे.
सघन श्रेणी के बाग
सघन श्रेणी के बागों में प्रति एकड़ 111 पौधों एवं इससे अधिक लगाए जा सकते हैं. इन बागों में आम, अमरुद, नींबू वर्गीय, अनार, आडू, अलूचा, नाशपती, अंगूर, पपीता एवं ड्रैगन फ्रूट आदि फलों को शामिल किया गया है. इन पौधों की एक-दूसरे से दूरी 6 मी. × 6 मी. रखना होगा. इसके श्रेणी के बागवानी के लिए किसानों के लिए 1 लाख रूपये तक की लागत तय की गई है. इस हिसाब से 50 प्रतिशत सब्सिडी के आधार पर किसानों को 50 हजार रुपये दिए जाएंगे.
टिशु कल्चर खजूर उत्पादन
टिशु कल्चर खजूर की बुवाई पर कुल 2,00,000 रूपये का लागत तय की गई है. सरकार किसानों को 1,40,000 रूपये की सब्सिडी दे रही है. किसानों को सरकार ये अनुदान तीन वर्षों में दे रही है प्रथम वर्ष – 84,000 रुपए द्वितीय वर्ष – 28,000 रुपए तृतीय वर्ष – 28,000 रुपए.
पौधा जाल प्रणाली
Trellising system में अनार, ड्रैगन फ्रूट, अमरुद, अंगूर के पौधों को शामिल किया है. इस श्रेणी के किसानों को फल सुरक्षित रखने के लिए जाल भी दिया गया है. इस तरह के बागों के लिए लागत मूल्य 1,40,000 रुपए रखी गई है. इस पर अनुदान के रूप में किसानों को 70,000 रुपए दिया जाएगा.