देश के ज्यादातर हिस्सों में बिजली भी सिंचाई का एक नया माध्यम बन गया है. इससे बिजली का बिल भी ज्यादा आता है. खेती की लागत में भी इजाफा होता है. ऐसे में राजस्थान सरकार किसानों को एक बहुत बड़ी राहत दे रही है. गहलोत सरकार किसानों हर साल बिजली के बिल पर अधिकतम हर महीने 1000 रुपये (सालाना 12,000 रुपये) की सब्सिडी दे रही है.
7 लाख 85 हजार किसानों का बिजली बिल हुआ शुन्य
सरकार के मुताबिक, किसान मित्र उर्जा योजना के तहत 7 लाख 85 हजार किसानों का बिजली बिल शुन्य किया गया है. इस स्कीम की मदद से राजस्थान के करीब 50 फीसदी किसानों को मुफ्त में बिजली मिल रही है और करीब 12.79 लाख किसानों को 766.67 करोड़ रुपये का अनुदान मिला है.
किसानों को दिए जा रहे सोलर पंप
सिंचाई की समस्या सुलझ जाए और खेती-किसानी में लागत कम आए इसके लिए राज्य के किसानों को सौर कृषि आजीविका योजना से जोड़ा जा रहा है, ताकि बिजली-सिंचाई का खर्चा बचाने के साथ-साथ बिजली उत्पादन करके अतिरिक्त आमदनी कमा सके. प्रधानमंत्री कुसुम योजना के तहत सरकार किसानों को 60 प्रतिशत तक की सब्सिडी पर सोलर पंप मुहैया करा रही है. किसानों के साथ-साथ ये पंप पंचायतों और सहकारी समितियों को इसी अनुदानित कीमत पर मिल रहे हैं. इसके अलावा सरकार अपने खेतों के आसपास सोलर पंप संयंत्र स्थापित करने के लिए लागत के 30 प्रतिशत तक का लोन उपलब्ध करा रही है.
किसानों को इस प्रोजेक्ट का केवल 10 प्रतिशत राशि खर्च करना होगा
इस हिसाब से किसानों को इस प्रोजेक्ट का केवल 10 प्रतिशत राशि खर्च करना होता है. इस योजना का लाभ लेने की वजह से किसानों की सिंचाई की समस्या खत्म हो सकती है. वहीं, बिजली या डीजल के पंपों के जरिए सिंचाई करने पर किसान की लागत बढ़ जाती है साथ ही किसान सोलर संयंत्र स्थापित कर 15 लाख रुपये तक का बिजली उत्पादन कर सकते हैं. उत्पादित बिजली को विभाग 3 रुपये 7 पैसे के टैरिफ पर खरीदेगी. इस हिसाब से किसान सालाना 4 से 5 लाख तक की आय प्राप्त कर सकते हैं.