Marigold Farming: भारत में हर तीज-त्योहार पर, किसी भी शादी या अन्य फंक्शन में आपको सजावट में गेदें का फूल जरूर नजर आएगा. खास कर कि दशहरा और दीवाली पर इन फूलों की डिमांड काफी बढ़ जाती है. गेंदे के फूल कई रंगों में उगते हैं. यह एक ऐसा फूल है जिसकी खेती में ना ही ज्यादा खर्चा आता और कम समय में यह उग जाती हैं. जिस कारण मार्केट में इसकी कीमत भी काफी कम होती है.
गेंदे के फूल के प्रकार:
गेदें के फूल 2 प्रकार के होते हैं. एक होता है फ्रेंच गेंदे का फूल (French Marigold) जिसके पौधे काफी छोटे होते हैं. इनका फूल भी काफी छोटा उगता है. दूसरा होता हैअफरिकन गेंदे का फूल (African Marigold). इनके फूल काफी घने और बड़े होते हैं.
किसी भी मौसम में की जा सकती है खेती
गेंदे के फूलों की ज्यादातर गर्मियों के मौसम में सूखी जगह खेती किया जाना सबसे सफल माना जाता है. हालांकि तीनों मौसम में इस फूल की खेती की जा सकती है. यानी कि करीबन 15 से 29 डिग्री C तापमान होना चाहिए. अगर इससे ज्यादा हुआ तो पौधों को नुकसान हो सकता है. अगर आप बाकि फूलों की खेती के मुकाबले गेंदे के फूल की खेती करते हैं तो लागत बहुत कम लगेगी और इसको बेचने के लिए किसान को ज्यादा मगज मारी नहीं करनी पड़ती.किसान भाई आसानी से 25 से 30 हजार रुपये लगाकर इसकी खेती से 2 लाख तक का मुनाफा हासिल कर सकते हैं.
मौसम के हिसाब से ऐसे देना है पौधों को पानी
गेंदे के बीज का इस्तेमाल कर इसे उगाया जाता है. जहां मिट्टी ज्यादा सूखी ना हो. हालांकि पौधे की देखबाल करना भी बेहद जरूरी है. बारिश के मौसम में इसके पौधे को 10 से 15 दिनों के अंदर पर 1-2 बार पानी देना ही चाहिए. वहीं, सर्दी के मौसम के लिए 8 से 10 दिनों तक बाद पानी देते रहना चाहिए और गर्मी हर 5-7 दिन बाद पौधों को पानी देना चाहिए.