Neelgiri Farming: भारत में बड़े पैमाने पर नीलगिरी यानी यूकेलिप्टस के पेड़ों की खेती की जाती है. इस पेड़ की सबसे खास बात है कि अन्य फसलों के मुकाबले इसमें मेहनत की आवश्यकता कम पड़ती है. इसके रखरखाव और देखभाल की खास जरूरत नहीं पड़ती. यूकेलिप्टिस के पेड़ की खेती को दुरुस्त तरीके से किया जाए तो बेहद कम वक्त में लाखों-करोड़ों का मुनाफा कमाया जा सकता है.
नीलगिरी की खेती के लिए उपयुक्त जलवायु
नीलगिरी की खेती पूरे भारत में किसी भी जगह हो सकती है. पहाड़ी क्षेत्र हो या मैदान हर जगह इस पेड़ को लगाया जा सकता है. मौसम का भी इस पेड़ पर कोई खास फर्क नही पड़ता. विशेषज्ञों के अनुसार, एक हेक्टेयर क्षेत्र में यूकेलिप्टिस के 3000 हजार पौधे लगाए जा सकते हैं. इन पेड़ों को लगाने में ज्यादा से ज्यादा 30 हजार का निवेश करके लाखों का मुनाफा की चाह रखने वाले किसानों के लिए पेड़ लगाना फायदे का सौदा हो सकता है.
बेहद मजबूत होती हैं लकड़ियां
नीलगिरी की लकड़ियां बेहद मजबूत मानी जाती हैं. पानी से भी ये लकड़ियां जल्दी खराब नहीं होती हैं. इनका इस्तेमाल पेटियां, ईंधन, हार्ड बोर्ड, फर्नीचर और पार्टिकल बोर्ड इत्यादि बनाने के लिए किया जाता है. यह पेड़ केवल 5 साल में अच्छी तरह से विकास कर लेता है. इसके बाद इनकी कटाई कर किसान अच्छा मुनाफा कमा सकता है.
70 लाख तक का मुनाफा
नीलगिरी के एक पेड़ से लगभग 400 किलो लकड़ी प्राप्त होती है. बाज़ार में यूकेलिप्टिस की लकड़ी 6-7 रुपए प्रति एक किलो के भाव से बिकती है. ऐसे में अगर हम एक हेक्टेयर में तीन हजार पेड़ लगाते हैं. तो आसानी से 72 लाख रुपये तक कमा सकते हैं.