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UP: केले के वेस्ट से फाइबर बनाती हैं लखीमपुर खीरी की ये महिलाएं, PM मोदी ने भी की तारीफ

Fibre Production in UP: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर में केले का उत्पादन भारी मात्रा में होता है. केले के पेड़ के वेस्ट से फाइबर (Fibre) बनाकर इसका उपयोग चटाई, दरी और हैंडबैंग जैसी तमाम वस्तुओं को बनाने में किया जाता है.

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Fibre making from Banana waste
Fibre making from Banana waste
स्टोरी हाइलाइट्स
  • पीएम मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में की थी तारीफ
  • केले के पेड़ के वेस्ट से फाइबर बनाती हैं महिलाएं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 जुलाई को मन की बात में लखीमपुर खीरी के समैसा गांव की महिलाओं के एक समूह की तारीफ की है, जो केले के पेड़ के वेस्ट से फाइबर (Fibre) बनाती हैं. इन फाइबर का उपयोग चटाई, दरी और हैंडबैंग जैसी तमाम वस्तुओं को बनाने में किया जाता है. इससे पहले मिनिस्टरी ऑफ रूरल डेवलेपमेंट ने भी इसको लेकर एक ट्वीट किया था. इन सबके अलावा उत्तर प्रदेश सरकार भी कुछ इसी तरह के कार्यों को बढ़ावा देने के लिए एक जिला एक उत्पाद जैसी योजनाएं पर काम कर रही है.

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किसने इस आइडिया पर शुरू किया काम?

ये आइडिया सबसे पहले अरूण कुमार सिंह, खंड विकास अधिकारी इशानगर और धौरहरा (लखीमपुर खीरी) के दिमाग में आया था. अरूण कुमार सिंह कहते हैं कि उनके यहां केले का उत्पादन काफी भारी मात्रा में होता है. ऐसे में केले के वेस्ट का उपयोग कर फाइबर बनाया जा सकता है. इस आइडिया को उन्होंने सीडीओ अरविंद सिंह को बताया. वह आगे बताते हैं कि सीडीओ साहब ने मेरा उत्साह बढ़ाते हुए इस आइडिया पर आगे काम करने के लिए काफी प्रोत्साहित किया. इसके अलावा इस आइडिया को जमीन पर उतारने के लिए भी उनके साथ वह फील्ड पर सक्रिय रहे हैं.

Image Credit: Arun Kumar Singh( BDO)

कैसे बनाया समूह?

अरूण सिंह ने बताया कि इशानगर और धौरहरा के इस क्षेत्र में काफी गरीबी है. हम लोगों ने घर-घर जाकर महिलाओं से इस बारे में बात कर उन्हें काम के लिए तैयार किया.उन्हें ये भी समझाया कि ऐसा करके आप खुद को आत्मनिर्भर बना सकती हैं. वह आगे बताते हैं कि महिलाओं के तैयार होने के बाद फिर उन्होंने गुजरात से केले के वेस्ट से रेशा तैयार करने वाली मशीन मंगवाई. साथ ही किसानों से बात करके महिलाओं को फ्री में वेस्ट भी मुहैया कराया. जिसके बाद हमने महिलाओं को केले के तने से रेशा निकालने की ट्रेनिंग देने का काम किया.

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Image Credit: Arun Kumar Singh( BDO)

कई जगहों से आ रहा ऑर्डर

लखीमपुर खीरी के समैसा गांव की महिलाओं को अब कई कंपनियों से ऑर्डर आने शुरू हो गए हैं. अब तक इन महिलाओं ने लगभग 5 कुंतल तक रेशा तैयार कर लिया है. एक कुंतल बनाने में 5 से 8 हजार रुपये तक की लागत आई है. अरूण सिंह के मुताबिक इंडिया मार्ट से भी 10 टन रेशे का ऑर्डर आ चुका है. इसके अलावा वह बताते हैं कि अब वह इसे जीएसटी काउंसिल में रजिस्टर कर रहे हैं. इसकी प्रकिया कुछ दिनों में पूरी हो जाएगी. जिसके बाद हम इन ऑर्डर को पूरा कर पाएंगे.

Image Credit: Arun Kumar Singh( BDO)

किसानों को भी फायदा

जब से महिलाओं ने केले के वेस्ट से रेशा बनाने का काम शुरू किया है तब से किसानों को भी फायदा होना शुरू हो गया है. अक्सर किसान केले के वेस्ट को खेतों में ही छोड़ देते हैं, जो जमीन में मिल जाती है. जिससे खेतों में दीमक लग जाती है. अब जब किसानों ने महिलाओं को केले के पेड़ का वेस्ट देना शुरू कर दिया है तो उन्हें इन सब स्थितियों से छुटकारा मिल गया है.

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