Ice Apple Farming: खेती-किसानी में ज्यादा मुनाफा कमाने के लिए किसान अलग-अलग फसलों की खेती की तरफ रूख रहे हैं. ताड़गोला भी इन्हीं फसलों में से एक है. बर्फ की तरह दिखने वाला ये फल औषधीय गुणों से भरपूर है. इसे आइस एप्पल के नाम से भी जाना जाता है. आमतौर पर इसकी खेती किसी भी प्रकार की मिट्टी में की जा सकती है. हालांकि, सुखी गहरी दोमट और कार्बनिक पदार्थों से भरपूर जलोढ़ मिट्टी इसके लिए सबसे ज्यादा उपयुक्त मानी जाती है.
ताड़गोला की खेती करते वक्त इन बातों का रखें ध्यान
किसान इस बात का ध्यान रखें की ताड़गोला की खेती करते वक्त तटीय रेतीली मिट्टी का चुनाव नहीं करें. इसका पौधा 33 से 35 डिग्री सेल्सियस में अच्छी तरह से विकास करता है. इस दौरान उसे अच्छी बारिश की आवश्यकता पड़ती है, इसलिए जुलाई अगस्त के महीने को इस पेड़ की खेती का सबसे सही समय माना जाता है.
कमा सकते हैं बंपर मुनाफा
महाराष्ट्र, तमिलनाडु और उडीसा के ज्यादातर इलाकों में ताड़गोला उगाकर किसान अच्छी आमदनी ले रहे हैं. भारत के अन्य कई राज्यों में भी इसकी खेती देखी जा सकती है. लेकिन इन राज्यों में किसान व्यवसायिक तौर पर इसका उपयोग करते हुए नहीं दिखते हैं. विशेषज्ञों के मुताबिक किसान ताड़गोला की खेती कर बंपर मुनाफा कमा सकते हैं. यही वजह है कि सरकार द्वारा भी किसानों को इसकी खेती के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है
कई रोगों के खिलाफ मददगार
ताड़गोले में कैलोरी, फैट, सोडियम, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, शुगर, प्रोटीन, पोटैशियम, कॉपर, विटामिन बी6 और जिंक प्रचूर मात्रा में पाया जाता है. इसका औषधीय गुण आपके पित्त को बाहर निकालने और वीर्य की संख्या को बढ़ाता है. साथ ही शरीर में खून को साफ रखने में भी मददगार है. इसके अलावा डाइजेसन और बुखार में भी इसके फल का सेवन बहुत फायदा पहुंचाते हैं. बता दें कि डॉक्टर्स मरीजों को हार्ट और मधुमेह जैसी बीमारियों में इसके रस का सेवन करने की सलाह देते हैं.