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Turmeric Farming: हमीरपुर के इस किसान का कमाल, एक एकड़ में 65 क्विंटल हल्दी का किया उत्पादन

हल्दी की खेती में कौशल किशोर की ऐसी सफलता देख अब अन्य किसानों ने भी इस तरफ रूख करना शुरू कर दिया है. क्षेत्र के कई किसान अभी उनके संपर्क में है. कुछ कम रकबे में हल्दी का उत्पादन कर रहे हैं. हर वर्ष प्राकृतिक आपदाओं से नुकसान होने की वजह से अब किसान परंपरागत खेती छोड़ बागवानी, औषधीय व मसाले की खेती की ओर रुझान बढ़ा रहे हैं.

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Turmeric farming
Turmeric farming
स्टोरी हाइलाइट्स
  • हल्दी के अलावा बागवानी भी करते हैं
  • सतावर और अश्वागंधा की भी लगा रखें हैं पौधे

Haldi ki Kheti: देश के अन्य राज्यों की तरह अब उत्तर प्रदेश के किसान भी पहले से जागरूक होने लगे हैं. वे नई-नई तकनीकें और नए फसलों की खेती किसानी करने लगें. यहां के हमीरपुर जिले से कुछ ऐसा उदाहरण सामने आ रहा है. किसान कौशल किशोर ने एक एकड़ में 65 क्विंटल हल्दी का उत्पादन कर दिखाया है. 

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हल्दी की खेती में कौशल किशोर की ऐसी सफलता देख अब अन्य किसानों ने भी इस तरफ रूख करना शुरू कर दिया है. क्षेत्र के कई किसान अभी उनके संपर्क में है. कुछ कम रकबे में हल्दी का उत्पादन कर रहे हैं. हर वर्ष प्राकृतिक आपदाओं से नुकसान होने की वजह से अब किसान परंपरागत खेती छोड़ बागवानी, औषधीय व मसाले की खेती की ओर रुझान बढ़ा रहे हैं.

जिले के विकासखंड" राठ " के औड़ेरा गांव निवासी 64 वर्षीय किसान कौशल किशोर को बचपन से ही खेती किसानी व बागवानी में रुचि रही है. वह बताते हैं कि छह वर्ष पूर्व उद्यान विभाग से हल्दी की खेती करने के लिए बीस किलो बीज मिला थाय. वहीं प्रशिक्षण भी दिया गया था. इसके बाद उन्होंने अमरूद के बाग में हल्दी की खेती करनी शुरू कर दी. यहां  करीब डेढ हेक्टेयर में बागवानी लगी है. जिसमें एक हेक्टेयर में अमरूद व आधा हेक्टेयर में मुसम्मी, नीबू व 11 पौधे सेब के भी लगाए हैं. नीचे एक एकड़ में हल्दी की खेती की है.  सतावर, अश्वगंधा, सर्पगंधा भी पैदा करते हैं.

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करीब 50 हजार आई लागत

कौशल किशोर के मुताबिक एक एकड़ में हल्दी की खेती के लिए करीब आठ क्विंटल बीज लगा है. वहीं दो निराई व तीन पानी में फसल तैयार हो गई है बताया कि यह हल्दी पूरी तरह से जैविक है. जिसमें किसी भी रासायनिक खाद का प्रयोग नहीं किया है. कहा कि एक क्विंटल बीज में करीब दस क्विंटल तक उत्पादन होता है. जिसमें करीब 50 हजार की लागत आई है.

हमीरपुर के जिला उद्यान अधिकारी रमेश पाठक ने बताया कि राठ के किसान को हल्दी के बीज और खेती की ट्रेनिंग विभाग द्वारा दी गयी थी जिस से वो हल्दी पैदा कर के खेती का नया इतिहास लिख रहे है. उन्होंने आगे बताया कि पिछले कई सालों से हल्दी उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए लक्ष्य विभाग को नहीं मिला है. पूर्व में आने वाले लक्ष्य के हिसाब से किसानों को हल्दी की खेती कराई जाती रही है.


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