UP Krishi Yantra Subsidy Scheme 2021: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार किसानों को अनुदान पर कृषि यंत्र (Agricultural Machines) देने जा रही है. यूपी के 50 हजार किसानों को इसका लाभ मिलेगा. जानकारी के मुताबिक पहले आओ, पहले पाओ की तर्ज पर कृषि यंत्र दिए जाएंगे. जिसके लिए पॉर्टल पर ऑनलाइन बुकिंग की प्रक्रिया 23 अगस्त से शुरू होनी थी लेकिन प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के आकस्मिक निधन और राजकीय अवकाश की वजह से इसकी तारीखों में बदलाव किया गया है. आधिकारिक जानकारी के मुताबिक कृषि यंत्रों के लिए बुकिंग अब 24 और 26 अगस्त को दोपहर तीन बजे से शुरू होगी.
पहले चरण में किसानों को हुई थी दिक्कत
इससे पहले बुकिंग के पहले चरण में किसानों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता था. अब दूसरे फेज की बुकिंग के लिए यूपी सरकार का कहना है कि ऑनलाइन बुकिंग से योजना का लाभ सही व्यक्ति को मिलेगा और यंत्र की कीमत में किसी तरह की गड़बड़ी नहीं की जा सकेगी.
योजना की गाइडलाइंस के अनुसार उत्तर प्रदेश के पंजीकृत किसान ही अनुदान के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे. जो किसान एफपीओ, NRLM या अन्य कृषक समितियों से जुड़े हैं, वे रजिस्ट्रेशन नंबर भरकर टोकन हासिल कर सकते हैं. उत्तर प्रदेश में पंजीकृत किसानों की संख्या लगभग तीन करोड़ है.
संयुक्त कृषि निदेशक आरके सिंह के मुताबिक 24 अगस्त यानी मंगलवार दोपहर तीन बजे से यंत्रों की बुकिंग शुरू हो जाएगी. अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति व महिला लघु एवं सीमांत कृषकों को 50 फीसदी तक अनुदान मिलेगा. जबकि अन्य कृषकों के लिए 40 फीसदी अनुदान है और इसका लक्ष्य 19,969 है.
कैसे उठाएं योजना का लाभ?
इस योजना का लाभ लेने के लिए रजिस्ट्रर्ड किसानों को टोकन जेनरेट करना होगा. आइए जानते हैं पूरी प्रक्रिया....
> सबसे पहले पारदर्शी किसान सेवा योजना (Pardarshi Kisaan Seva Yojana) की आधिकारिक वेबसाइट upagriculture.com पर जाना होगा.
> होम पेज पर जिस यंत्र पर अनुदान चाहिए उसे सलेक्ट करें.
> नया पेज खुलने पर यंत्र टोकन से संबंधित विकल्प को चुनें.
> इसके बाद आवेदक किसान को अपने जनपद का चुनाव करके रजिस्ट्रेशन नंबर दर्ज करना होगा.
> सारी जानकारी भरने के बाद सर्च के बटन पर क्लिक करें.
> इसके बाद आवेदक किसान कृषि यंत्र का चयन करके संबंधित जानकारी भरनी होगी.
बता दें कि किसानों को यंत्र के लिए टोकन मनी भी जमा करनी होगी. दरअसल, टोकन मनी को इसलिए जरूरी कर दिया गया है, क्योंकि बहुत से किसान बुकिंग करने के बाद यंत्र नहीं खरीदते थे.
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