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Strawberry Cultivation: स्ट्रॉबेरी की खेती ने बदली इस महिला किसान की किस्मत, 6 लाख की लागत से 30 लाख तक मुनाफा

Strawberry Cultivation: झांसी की रहने वाली महिला किसान गुरलीन चावला ने अपनी और अपने परिवार की किस्मत ही बदल दी है. गुरलीन ने बड़े पैमाने पर स्ट्रॉबेरी के उत्पादन करने का मन बनाया और अपने फॉर्महाउस पर इसकी खेती करनी शुरू कर दी.

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Strawberry Cultivation
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स्टोरी हाइलाइट्स
  • गुरलीन ने 1.5 एकड़ से की स्ट्रॉबेरी की खेती की शुरुआत
  • 6 लाख की लागत में हासिल किया 30 लाख का मुनाफा

Strawberry Cultivation: पारंपरिक फसलों की खेती में लगातार कम हो रहे मुनाफे और खराब मौसम की वजह से किसानों को भारी नुकसान झेलने पड़ता है. किसान अब नई-नई फसलों की खेती की तरफ रूख कर रहे हैं और ठीक-ठाक मुनाफा कमा रहे हैं. दूसरी तरफ सरकार अपने स्तर पर विभिन्न योजनाओं के माध्यम से किसानों तक नई फसलों की तकनीक और लाभ पहुंचाने की कोशिश कर रही है.

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स्ट्रॉबेरी खेती बदल रही है लोगों की किस्मत

पिछले कई सालों में देखा गया है कि किसानों के बीच स्ट्रॉबेरी की खेती का चलन बढ़ा है. झांसी की रहने वाली महिला किसान गुरलीन चावला ने अपनी और अपने परिवार की किस्मत ही बदल दी. गुरलीन ने अपने पिता को घर की छत पर सब्जी और स्ट्रॉबेरी उगाते हुए देखा. जिसके बाद उन्होंने बड़े पैमाने पर स्ट्रॉबेरी का उत्पादन करने का मन बनाया और अपने फॉर्महाउस पर इसकी खेती करनी शुरू कर दी.

Strawberry cultivation

1.5 एकड़ से की स्ट्रॉबेरी की खेती की शुरुआत

गुरलीन चावला कहती हैं कि मेरे पापा घर की छत पर स्ट्रॉबेरी की खेती करते थे. फिर मेरे मन में विचार आया कि इसकी खेती हम बड़े पैमाने पर कर सकते हैं. 2020 लॉकडाउन में उन्होंने 1.5 एकड़ में इस फसल की खेती की शुरुआत की. पहली बार में ही उम्मीद से बेहतर परिणाम मिले. उन्होंने बताया कि इस दौरान उन्हें 6 लाख की लागत पर 30 लाख का मुनाफा हासिल हुआ है. एक दिन में पांच से छह किलो तक स्ट्रॉबेरी निकल आती है. जिससे 300 से 600 रुपये तक की बिक्री प्रतिदिन हो जाती है.

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1800 पौधों से शुरू की खेती

गुरलीन और उनके भाई ने स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए महाबलेश्वर के किसान से संपर्क किया. शुरू में 1800  हजार पौधे स्ट्रॉबेरी की लगाई नंबवर की शुरुआत में पौधे की रोपाई की. गोबर और जैविक खाद के अलावा पौधों के नीचे पॉलीथिन बिछाने में और पानी के लिए पाइप लाइनों को डालने में कुल लागत 6 लाख रुपये आई है.

गुरलीन के भाई गुरजीत चावला ने बताया कि स्ट्रॉबेरी की खेती में सफलता का पूरा श्रेय गुरलीन को ही जाता है. हम सब परिवार घर की छत पर सब्जी और फल उगाते थे तो गुरलीन ने ही ये आइडिया दिया. आज दूर-दूर से किसान हमारी खेतों को देखने आते हैं और तारीफ करते हैं.

कई गुना मुनाफे का अनुमान

स्ट्रॉबेरी की फसल मार्च-अप्रैल तक चलती है. अगर इस फल के दाम इसी तरह बने रहते हैं, तो किसानों को लागत से 6 गुना तक कमाई होने का अनुमान है. स्ट्रॉबेरी का उत्पादन बेहतर होने से उत्साहित गुरलीन इस साल पहले से भी ज्यादा क्षेत्र में खेती करने की तैयारी कर रही हैं.

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गुरलीन के प्रयास को सरकार ने भी सराहा

गुरलीन की इस कोशिश को उत्तर प्रदेश सरकार ने ही नहीं बल्कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सराहा है. प्रधानमंत्री ने मन की बात में गुरलीन का नाम लेकर उनके काम की जमकर तारीफ करते हुए किसानों को बताया कि कैसे आप अपनी खेती में नए नए प्रयोग कर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.

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