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ब्रिटेन में की पढ़ाई, भारत वापस लौटकर अब एवोकाडो की खेती को लेकर किसानों को दिखा रहा नई राह

साल 2017 के दौरान एवोकाडो का सेवन करते समय हर्षित की नजर उसके रैपर पर पड़ी. उन्होंने पाया जिस फल को वह खा रहे हैं, उसे इजरायल में उगाया गया है. तब उनके दिमाग में ख्याल आया कि जब इसकी खेती इतने गर्म देश वाले जलवायु वाले देश में हो सकती है तो भारत में क्यों नहीं.

Bhopal Youth Started Avocado Farming Bhopal Youth Started Avocado Farming
सचिन धर दुबे
  • नई दिल्ली,
  • 21 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 3:19 PM IST
  • 2017 में दिमाग में आया एवोकाडो की खेती का ख्याल
  • फिर इजरायल में इसकी खेती की सीखी बारीकियां

Avocado Farming: एवोकाडो फल स्वास्थ के काफी लाभकारी होता है. इसे सबसे महंगे फलों में गिना जाता है. भारत में इसकी खेती बेहद कम पैमाने पर होती है. लेकिन भोपाल के रहने वाले हर्षित गोधा नाम के एक युवक ने एवोकाडो की खेती शुरू कर किसानों को एक नई राह दिखाई है.

एवोकाडो की खेती का कैसे आया ख्याल

बता दें कि हर्षित गोधा साल 2013 में बीबीए की पढ़ाई करने के लिए यूके (ब्रिटेन) गए थे. वहां उन्हें अपनी फिटनेस के प्रति सजग रहने की आदत पड़ गई. वह हेल्दी डाइट लेने लगे, जिसमें एवोकाडो जरूर शामिल होता था. साल 2017 के दौरान एवोकाडो का सेवन करते समय उनकी नजर उसके रैपर पर पड़ी. उन्होंने पाया जिस फल को वह खा रहे हैं, उसे इजरायल में उगाया गया है. तब उनके दिमाग में ख्याल आया कि जब इसकी खेती इतने गर्म देश वाले जलवायु वाले देश में हो सकती है तो भारत में क्यों नहीं.

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इजरायल में ली एवोकाडो की खेती की ट्रेनिंग

हर्षित बताते हैं कि दिमाग में इस आइडिया के आने के बाद ही वह एवोकाडो की खेती की ट्रेनिंग के लिए इजरायल के किसानों से संपर्क करने की कोशिश करने लगे. वहां के किसानों को वह लगातार ई-मेल भी करते रहें. उनमें से एक किसान उनको एवोकाडो की खेती की बारिकियों को सीखाने को तैयार हो गए. फिर वह टूरिस्ट वीजा पर इजरायल पहुंच गए. इस दौरान वहां तकरीबन एक एवोकाडो की खेती से जुड़ी छोटी से छोटी चीजें सीखते रहे हैं. फिर वापस यूके पहुंच कर और डिग्री पूरी और 2018 में वे वापस भारत लौट आएं.

भारत में ऐसे शुरू की खेती

भारत आने के बाद हर्षित ने एवोकाडो की खेती करने का पूरा मन बना लिया. वह आगे बताते हैं कि उन्होंने 2019 में इज़राइली सहयोगियों को भारत आने का न्योता भेजा. ये सभी सहयोगी उनके बुलावे पर पर भारत आएं. इस दौरान इन इजरायलियों ने भोपाल में ज़मीन तैयार करने से लेकर इजराइली एवोकाडो के मदर प्लांट मुहैया कराने का काम किया इस दौरान हमने पता करने की कोशिश की क्या भोपाल में इसकी खेती की भी जा सकती है. फिर हमने  पांच एकड़ में पॉयलट प्रोजेक्ट के तौर पर एवोकाडो की खेती की शुरुआत. इसके लिए 1800 एवोकाडो के पौधे इजरायल से मंगाए गए. हालांकि आयात कानूनों की वजह से इसे मंगाने उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था.

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एवोकाडो की खेती को लेकर जागरूकता फैला रहे हैं.

बता दें कि हर्षित अब एवोकाडो फार्मिंग के बारे में सोशल मीडिया पर जागरुकता फैला रहे हैं. वह अन्य किसानों को भी इसकी खेती के लिए टिप्स देते रहते हैं. कई किसान उनसे संपर्क भी करते हैं. उनके मुताबिक देशभर के किसानों को भी इज़राइली एवोकाडो के पौधे बेच रहे हैं. उन्होंने इसके लिए इजराइल से करीब 4000 पौधे मंगवाए हैं. इन सारे पौधों की बुकिंग हो गई है, इस तरह एवोकाडो की नर्सरी को भी उन्होंने कमाई का जरिया बना लिया है. 

कमा सकते हैं इतना मुनाफा

हर्षित के अनुसार भारत के किसानों के लिए काफी मुनाफे वाली फसल साबित हो सकती है. एक बार फसल लगाने के इससे आप 40 से 50 साल तक मुनाफा कमाते रह सकते हैं. उन्होंने एक अनुमान के मुताबिक बताया कि इसकी खेती से आप सालाना 6 से 8 लाख रुपये तक का मुनाफा कमा सकते हैं. फसल के उत्पादन के हिसाब से ये मुनाफा आगे पीछे भी हो सकता है.

 

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