
बिहार में लगातार हो रही बेमौसम बारिश और कोरोना के कहर के कारण एक ओर चंपारण के प्रसिद्ध आम यानी मालदह को तो दागदार और बेस्वाद कर दिया है साथ ही इसके किसानों की कमर तोड़ कर रख दी है. समय से पहले हुई बारिश ने जहां जिले के बागवानी में लगे आम की सूरत बिगाड़ दी है. वहीं, इसके किसानों की माली हालत खराब करने में इस बरसात ने कोई कोर कसर नही छोड़ी है.
बिन मौसम बारिश और कोरोना के कारण पूरे देश ही नहीं बल्कि, विदेशों में प्रसिद्ध जिले का मालदह आम पूरी तरह से बेस्वाद हो चुका है. आम के खराब होने से किसान इस औने पौने दाम में बेचने को मजबूर है. ये आम अपनी मिठास और उच्च क्वालिटी के लिए जाना जाता है.
आम बेचने वाले दुकानदारों का कहना है कि पहले तो कोरोना ने आम किसानों की हालत बिगड़ कर रख दी क्योकि जिस आम की बहुतायत संख्या में देश विदेशों तक सप्लाई होती थी कोरोना के कारण इसका आयात निर्यात पूरी तरह ठप्प हो गया.
कोरोना के कारण बाहर के व्यापारी यहां आ नहीं सके. इस वजह से इनकी बिक्री नहीं हो पाई. वहीं, बेमौसम की बरसात ने ऐसा कहर बरपाया की पेड़ो पर लगे आम पूरी तरह से बेस्वाद और बदसूरत हो गए जिसके कारण मजबूरन किसानों को इसे औने पौने दाम पर बेचना पड़ रहा है. आलम ये है कि बाज़ारो में आमो का राजा मालदह 20 से 25 रुपये तक बिक रहा है.
खराब फसल को लेकर किसान ने कहा कि आज फलों का राजा आम व आमों का राजा मालदह बेहद कम दामों पर बिकने को मजबूर है. किसान परेशान फिर भी इनकी कोईसुध लेने वाला नहीं है. इस आम को किसान 20 से 25 रुपये पर मजबूर हैं. बड़े व्यापारी छोटे ब्यापारी से 25 से तीस रुपये किलो के हिसाब से आम खरीद रहे हैं और खुदरा दुकानदार इसे 35 से 40 रुपये के भाव पर आम नागरिकों को बेच रहे हैं. जबकि ये मालदा आम अमूमन 60 से 80 रुपये किलो मिलता है.