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Coloured Rice Cultivation: रंगीन चावल की खेती से किसान मालामाल, मैजिक चावल में भी मोटी कमाई

Coloured Rice Farming: चम्पारण के रामनगर प्रखंड के सोहसा पंचायत विजयगिरी लाल, हरे, काले रंग के साथ-साथ मैजिक चावल की खेती करते हैं. इसकी खेती वह बिल्कुल प्राकृतिक तरीके से करते हैं. उनका दावा है कि इन चावलों का सेवन डायबिटिक मरीजों के लिए फायदेमंद है.

Bihar farmer cultivating red, black, green and magic rice Bihar farmer cultivating red, black, green and magic rice
aajtak.in
  • चम्पारण,
  • 12 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 6:23 PM IST
  • डायबिटिक मरीजों के लिए फायदेमंद
  • ऑर्गेनिक तरीके से होती है खेती

Coloured Rice Cultivation: खेती किसानी में रोजाना नए-नए प्रयोग हो रहे हैं. इसका फायदा भी किसानों को मिलता रहता है. कुछ ऐसा ही चम्पारण के रामनगर प्रखंड के सोहसा पंचायत में देखने को मिल रहा है. यहां के रहने वाले विजयगिरी लाल, हरे, काले रंग के साथ-साथ मैजिक चावल की खेती करते हैं. इन चावलों की खास बात है कि इन्हें देख ऐसा लगता है कि जैसे किसी ने इन पर रंग डाल दिया हो.

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मिनरल्स और विटामिन्स से भरपूर इन चावलों का सेवन डायबिटीज से पीड़ित मरीजों के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है. इस फैक्ट को कृषि अनुसंधान केंद्र द्वारा भी प्रमाणित किया जा चुका है.

कमा रहे हैंं अच्छा मुनाफा

किसान विजयगिरी ने पारंपरिक खेती से अलग हट कर  प्रयोग के रूप में लाल,हरे,काले चावल की खेती की शुरुआत की थी. इनकी खेती वह जैविक तरीके करते हैं. उनका दावा है कि ऑर्गेनिक खेती से प्रकृति संरक्षण के साथ-साथ खेती की लागत में भी कमी आई है. रंगीन चावल की खेती से उन्हें अच्छी उपज भी प्राप्त हो रही है, इससे वह बढ़िया मुनाफा कमा रहे हैं.

मैजिक चावल की भी करते हैं खेती

विजयगिरी बताते हैं कि वह मैजिक चावल की भी खेती करते हैं. ये चावल ठंडे पानी में भी पक जाता है. इस चावल की प्रजाति के खेती से भी वह मोटी कमाई हासिल कर रहे हैं. वह आगे बताते हैं कि उनके साथ पूरे देश से तीस से चालीस हजार किसान जुड़े हुए हैं जिनको वह हर साल लाल, हरे, काले और मैजिक चावल के बीज मुहैया कराते हैं. साथ ही इनकी खेती के करने दौरान किन सावधानियों को बरतना चाहिए ये बताते हैं.

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मिल चुके हैं कई सम्मान

रामनगर प्रखंड के कृषि पदाधिकारी प्रदीप कुमार बताते हैं कि किसान विजयगिरी इन चावलों का उत्पादन ऐसे क्षेत्र में करते जो काफी पिछड़ा हुआ है. इसके साथ ही इन चावलों की बिक्री वह अच्छे कीमतों पर करते हैं.  कृषि पदाधिकारी प्रदीप तिवारी कहते हैं कि किसान विजयगिरी को इस तरह के योगदान के लिए जिला और राज्य स्तर पर सम्मानित भी किया जा चुका है.

(रिपोर्ट: गिरीन्द्र कुमार पाण्डेय, चम्पारण)

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