
Paddy Stubble Burning Issue: खरीफ फसलों की कटाई शुरू हो गई है. इसी के साथ ही सरकार के सामने प्रदूषण से निपटने के लिए बड़ी चुनौती भी खड़ी हो गई है. ऐसे में राज्य सरकारें किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए तमाम तरह की तरकीबें अपना रही हैं.
पराली प्रबंधन के लिए बनाया गया कंट्रोल रूम
दरअसल हर साल फसलों के कटाई के प्रदूषण की समस्या खड़ी हो जाती है. कई राजनीतिक पार्टियां सत्ता में आईं, लेकिन स्थिति अभी भी जस की तस बनी हुई है. पराली से निजात पाने के लिए इस बार सरकारें पहले से ही तैयार हैं. कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने पराली की समस्या से निपटने के लिए पूसा(भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान) में एक कंट्रोल रूम स्थापित किया है.
किसान भाई पराली को लेकर किसी भी तरह की समस्या के निस्तारण के लिए 30 नवंबर, 2021 तक स्थापित नियंत्रण कक्ष में सुबह 8 बजे से शाम 8 बजे के बीच 7982300321 और 7982332008 पर कभी संपर्क कर सकते हैं.
फसल अवशेषों को गलाने के लिए पूसा ने तैयार किया है बायो एंजाइम
इस बार पूसा (भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान) ने फसल अवशेषों को खेतों मे ही जलाने के लिए एक कैप्सूल (बायो एंजाइम) तैयार किया है. इस कैप्सूल की खास बात ये है कि किसानों की फसल के अवशेषों को खेतों में ही नष्ट कर देता है. आईएआरआई ने पूसा डिकंपोजर को बनाने और इसकी मार्केटिंग के लिए कुल 12 कंपनियों को लाइसेंस भी दिया है.
वहीं दूसरी तरफ विभिन्न राज्य सरकारें अपने यहां पराली जलाने की संख्या में कमी लाने के लिए अनुदान पर पराली निस्तारण कृषि यंत्र देने का काम कर रही हैं. किसान भाई किसी भी नजदीकी कस्टम हायरिंग सेंटर पर सस्ते कीमतों पर इन यंत्रों की खरीद कर सकते हैं. वहीं केंद्र सरकार भी किसानों को FARMS- Farm Machinery Solutions App ऐप के माध्यम से किराए पर पर कृषि मशीनरी मुहैया करा रही है.