
Bio Decomposer For Paddy Stubble: खरीफ की फसलें लगभग तैयार हैं, कुछ ही दिनों में इनकी कटाई भी शुरू होने वाली है. देश की राजधानी में हर साल फसलों की कटाई के दौरान प्रदूषण के स्तर में इजाफा होने लगता है. साल दर साल ये स्थिति बदतर होती जा रही है. लेकिन इस बार सरकार पहले से तैयार है कि किसान भाई खेतों में पराली ना जलाकर कोई वैकल्पिक व्यवस्था अपनाएं. इसके लिए केजरीवाल सरकार दिल्ली और उससे सटे आसपास के गांवों में खेतों में बायो डिकंपोजर का छिड़काव करवाएगी.
2020 में सफल रहा था प्रयोग
साल 2020 में दिल्ली सरकार ने पूसा इंस्टीट्यूट के साथ मिलकर खेतों में बायो डिकंपोजर छिड़काव का सफल प्रयोग किया था. डिकंपोजर के छिड़काव के बाद पराली खाद में बदल जाती है और उर्वरक क्षमता भी बढ़ जाती है. पिछले साल बासमाती धान के खेतों में 2000 एकड़ खेत में छिड़काव हुआ था. लेकिन इस साल बासमती के अलावा नॉन बासमती खेतों मे दिल्ली सरकार मुफ्त में बायो डिकंपोजर का छिड़काव कराने के प्लान पर काम कर रही है.
आपको बता दें पूसा इंस्टीट्यूट पिछले कई सालों से पराली जलाने की समस्या को हल करने के लिए काम कर रही है. संस्थान द्वारा पराली निस्तारण के लिए कई तरह के डिकंपोजर और यंत्र भी बना चुकी है. इससे पहले पूसा ने एक बायो कैप्सूल का प्रयोग किया था, जो खेतों में मात्र कुछ दिनों के अंदर ही पराली को नष्ट कर देती है.
5 अक्टूबर से शुरू किया जाएगा छिड़काव
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि साल 2020 में 5 अक्टूबर से बायो डिकंपोजर के छिड़काव के लिए घोल बनाने की प्रकिया शुरू हुई थी. फिर अक्टूबर के मध्य में खेतों में इसका उपयोग किया गया. इस बार 24 सितंबर से बायो डिकंपोजर बनाने की शुरुआत होगी. 29 सितंबर तक उत्पादन की मात्रा को डबल किया जाएगा. 5 अक्टूबर तक छिड़काव के लिए घोल बन जाएगा. फिर जैसे और जहां से मांग होगी, वहां छिड़काव की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी.
इस बार दिल्ली सरकार 4000 एकड़ खेतों मे बायो डिकंपोजर की छिड़काव की तैयारी कर रही है, इसके अलावा मांग बढ़ने पर डिकंपोजर का उत्पादन भी बढ़ाया जाएगा. किन क्षेत्रों के खेत में बायो डिकंपोजर का छिड़काव होना है, इसके लिए 25 लोगों की टीम फील्ड में किसानो से जानकारी जुटा रही है.
दिल्ली में वेस्ट और साउथ इलाकों में खेती अधिक होती है. पूसा इंस्टीट्यूट के कृषि वैज्ञानिक पूरे मामले को मॉनिटर करेंगे. एक एकड़ खेत में छिड़काव के लिए 10 लीटर बायो डिकंपोजर की ज़रूरत होती है. पिछले साल बायो डिकंपोजर के छिड़काव में 25 लाख रुपये का खर्चा आया था और छिड़काव में इस बार 50 लाख रुपये तक का खर्चा आएगा.