
केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए एमएसपी पैनल गठित कर दिया है. इस कमेटी में संयुक्त किसान मोर्चा के तीन सदस्यों को भी शामिल किया जाएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल ही ऐलान किया था कि सरकार द्वारा एमएसपी के लिए एक कमेटी का गठन किया जाएगा. अब उस वादे को पूरा करते हुए सरकार ने इसका ऐलान कर दिया है.
सरकार के मुताबिक एमएसपी की प्रक्रिया को और ज्यादा पारदर्शी बनाने के लिए इस कमेटी का गठन किया गया है. जानकारी के लिए बता दें कि पिछले साल पूरे देश में किसान आंदोलन चला था. राकेश टिकैत ने उस आंदोलन की अगुवाई की थी और किसानों के एक बड़े वर्ग को मोदी सरकार के खिलाफ खड़ा कर दिया था. तब किसान तीनों कृषि कानून का विरोध कर रहे थे. वे उन तीनों की कानूनों की वापसी चाहते थे.
उस किसान आंदोलन की वजह से ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तीनों कृषि कानून वापस लेने का ऐलान करना पड़ा था. उन्होंने कहा था कि उनकी सरकार की तपस्या में कुछ कमी रह गई थी. उसी संबोधन में उन्होंने एमएसपी को लेकर एक कमेटी बनाने की बात भी कही थी.
सरकार ने जिस कमेटी का गठन किया है, उसमें संयुक्त किसान मोर्चा के तीन सदस्य भी शामिल किए जाएंगे. केंद्र की तरफ से संगठन को तीन नाम भेजने के लिए कह दिया गया है. जैसे ही SKM की तरफ से नाम आ जाएंगे, कमेटी अपने काम में लग जाएगी. इस कमेटी की बात करें तो इसका चेयरमेन पूर्व कृषि सचिव संजय अग्रवाल को बनाया गया है. कृषि अर्थशास्त्री सुखपाल सिंह और सी.एस.सी शेखर को भी शामिल किया गया है.
इस कमेटी में आइसीएआर के महानिदेशक, चार राज्य सरकारों कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, सिक्किम और ओडिशा के कृषि विभाग के अपर मुख्य सचिवों को भी शामिल किया गया है. सरकार ने इस कमेटी में दूसरे किसान संगठनों को भी जगह दी है. भारतीय कृषक समाज के अध्यक्ष डाक्टर कृष्णवीर चौधरी, गुणवंत पाटिल, प्रमोद कुमार चौधरी, सैय्यद पाशा पटेल को भी इस पैनल का हिस्सा बनाया गया है.